Uttar Pradesh: नक्शें के नियमों में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण बदलाव
Haryana Update: यूपी की योगी सरकार ने मानचित्र स्वीकृति को लेकर नियमों में बहुत बदलाव किया है। मानचित्र पॉलिसी में शासन स्तर से बदलाव करते हुए आपत्तियों के निस्तारण के लिए समय सीमा निर्धारित की गई।
अब आवेदन किए गए मानचित्र पर लगाई गई आपत्ति को 15 दिन में हल करना होगा।वहीं एक महीने में मानचित्र शुल्क देना होगा। अब तक कोई निर्धारित तिथि नहीं थी। जिसमें महीनों तक नक्शे लंबित रहे। सुनियोजित विकास की देखभाल प्राधिकरण करता है।
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किसी भी भवन के निर्माण के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद इसकी जांच प्राधिकरण के विभिन्न पटलों पर की जाती है। आपत्ति होने पर आवेदन को उनका समाधान करना होगा। इसके बाद, मानचित्र स्वीकृति का आदेश जारी किया जाता है और आवेदक को भुगतान करने का आदेश दिया जाता है। अब तक, मानचित्र स्वीकृति के बाद भुगतान करने की अंतिम तिथि नहीं दी गई है। उस समय, मानचित्र महीनों तक अधूरे रहते थे। ऐसा अब नहीं होगा।
क्यों बिल्डरों पर पड़ेगा प्रभाव
पहले बिल्डर नक़्शे अप्रूवल (Approval) की फीस को किश्तों मैं भरते थे। लेकिन अब मैप अप्रूवल पॉलिसी (Map Approval Policy) के तहत बिल्डर को अब अप्रूवल फीस (Approval Fees) एक महीने के अंदर ही भरनी होगी।
शासन स्तर के लिए क्या बदलाव हुए है
शासन स्तर से भी भवन निर्माण और विकास उपविधि में बदलाव किए गए हैं। अब 12 मीटर चौड़े मार्ग पर भी गेस्ट हाउस का नक्शा पास हो सकेगा। 22 मीटर चौड़े मार्ग पर अब तक अनुमति मिली है।
VC AD Atul Vats ने बताया कि शासन ने मानचित्र स्वीकृति और शुल्क जमा करने के लिए एक नई नीति बनाई है। जिसमे मानचित्र स्वीकृत होने के एक महीने के भीतर पूरा शुल्क जमा करना होगा। वहीं, स्वीकृति से पहले किसी भी आपत्ति को 15 दिन में हल करना होगा।