UP News: उतर प्रदेश हर साल खो रहा है 3600 करोड रुपये का राजस्व, जानें क्या है कारण

UP News: एक देश एक टैक्स के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर घोर न करने से उत्तर प्रदेश सरकार हर साल लगभग 3,600 करोड़ रुपए का राजस्व खो देती है।
 

UP News: एक देश एक टैक्स के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर घोर न करने से उत्तर प्रदेश सरकार हर साल लगभग 3,600 करोड़ रुपए का राजस्व खो देती है। नोएडा भी इस आंकड़े में शामिल है। राजधानी दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश के जिलों गाजियाबाद और बागपत को इसमें जोड़ दें तो यह आंकड़ा इतना बढ़ जाएगा कि सरकार भी हैरान हो जाएगी। दिल्ली से शराब खरीदने से यूपी सरकार को राजस्व घाटा हो रहा है।  

हर दिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद और बागपत से दो लाख बोतल शराब राजधानी दिल्ली पहुंचती है। आज हर दूसरा व्यक्ति सुरा का शौकीन है। दिल्ली जाने वाले शौकीन हर बार काम से लौटते समय अपने साथ कुछ छोटी-बड़ी बोतलें लेकर आते हैं। इसके अलावा, दिल्ली से शराब लाने वाले लोग भी सीमावर्ती क्षेत्रों में घूमते हैं। एक अनुमान के अनुसार, नोएडा हर दिन लगभग एक लाख बोतल शराब लाता है। इससे गाजियाबाद, बागपत, लोनी, मेरठ, बुलंदशहर और अलीगढ़ भी पीड़ित हैं। यूपी से दिल्ली जाने वाले प्रतिदिन लगभग दो लाख बोतलें लेकर आते हैं, ऐसा अनुमान है। यूपी के लोग हर दिन शराब खरीदकर दिल्ली की तिजोरी में 10 करोड़ रुपए डालते हैं, अगर एक बोतल शराब का औसत मूल्य 500 रुपए होता है। दिल्ली के खाते में हर महीने 300 करोड़ रुपए और वर्ष में 3,600 करोड़ रुपए चले जाते हैं। यह उत्तर प्रदेश सरकार को सीधे प्रभावित करता है। 

सरकार की नीतियां जिम्मेदार प्रधानमंत्री मोदी ने एक देश एक टैक्स की घोषणा की। यूपी सरकार इसे लागू करती तो राज्य में भी शराब की कीमत दिल्ली की ही होती। ऐसा होता तो लोग दिल्ली में शराब नहीं खरीदते, बल्कि यूपी में अपने घर के पास किसी ठेके से शराब खरीदते। लेकिन दरों में डेढ़ गुना का अंतर होने से लोग दिल्ली से ही शराब खरीदते हैं। मायावती सरकार ने पहले नियम बनाया था कि पव्वा शराब भी तस्करी होगी। लेकिन शुरुआती दिनों में उस पर ध्यान देने के बाद सब कुछ ठंडे बस्ते पर चला गया। अब बॉर्डर पर शराब लाने वालों को नियमित रूप से पुलिस और आबकारी अधिकारी चेक करते हैं। 

गौतमबुद्ध नगर जिले के आबकारी विभाग ने हाल ही में शराब की बिक्री के आंकड़े प्रकाशित किए हैं। वर्तमान वित्त वर्ष के पहले सात महीने, अप्रैल से अक्टूबर तक, गौतमबुद्ध नगर जिले में दो करोड़ 16 हजार 770 शराब की बोतलें बेची गईं। जो बताया जाता है कि 1,000 करोड़ रुपये की कीमत है। 2023 में शराब की बिक्री में 44 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जैसा कि आबकारी विभाग ने पिछले तीन वर्षों के आंकड़े जारी किए हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले में 140 अंग्रेजी शराब की दुकानें हैं, नोएडा के जिला आबकारी अधिकारी सुबोध सिंह ने बताया। साथ ही देशी शराब की 231 दुकानें, बीयर की 138 दुकानें और 25 मॉडल स्टोर हैं। 

दिल्ली के आंकड़े क्या कहते हैं? 

राजधानी दिल्ली के आबकारी विभाग ने कुछ समय पहले शराब की बिक्री के आंकड़े भी जारी किए हैं। आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में इस बार शराब की बिक्री में 42% का उछाल हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर तक इस वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ शराब की बोतलें बेची गईं। 

जानकारों का क्या है कहना

व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि अगर यूपी में शराब की कीमतें दिल्ली की कीमतों के बराबर होती तो दिल्ली और गौतमबुद्ध नगर के आंकड़ों में अंतर होता। विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी दिल्ली में 3 करोड़ बोतल बिकी की जगह डेढ़ करोड़ से अधिक नहीं होती और गौतमबुद्ध नगर में 2 करोड़ बोतल की जगह तीन करोड़ से अधिक होती।