Vastu Tips For Study : क्या आपके बच्चो का भी नहीं लगता पढ़ाई में मन ? तो फॉलो करें ये टिप्स 

Vastu Tips : बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगना आम है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चे की पढ़ाई में रुचि नहीं होना या घर में पढ़ाई के अनुकूल वातावरण नहीं होना। वास्तुशास्त्र कहता है कि घर का वातावरण भी बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव डालता है। ऐसे बच्चों की पढ़ाई में ध्यान कैसे लगाएं?

 

Haryana Update : कुछ बच्चों का दिमाग (बच्चों का दिमाग) बहुत तेज होता है, लेकिन उनका मन धीमा होता है। इससे उनका दिमाग अक्सर अनावश्यक बातों में लगा रहता है, लेकिन पढ़ाई में नहीं लगता। कई बार घर का वातावरण इसकी वजह हो सकता है। आपके घर के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए कुछ वास्तु उपाय पढ़ें। जिससे आपके बच्चे को अपनी पढ़ाई के दौरान एकाग्रता बनाने में मदद मिल सकती है।

बच्चे के लिए पहले एक अध्ययन क्षेत्र बनाएं। जिस तरह हम घर में जरूरत के हिसाब से बेडरूम, पूजा का कमरा आदि बनाते हैं, उसी तरह पढ़ाई के लिए भी अलग कमरा होना चाहिए, जहां एक अनुकूल वातावरण बनाया जा सके। ये कमरा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।

स्टडी रूम की दीवार पर ही किताबों की रैक लगवाएं। पुस्तकों की अलमारी को भी पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। बच्चे की टेबिल और कुर्सी को पूर्व या उत्तर में रखें। दक्षिण की ओर नहीं होना चाहिए। उसका ध्यान इससे भटकता है।

स्टडी रूम में मां सरस्वती की प्रतिमा लगाकर सकारात्मक वातावरण बनाएं। इसके अतिरिक्त, कमरे में विश्व मैप और टाइम टेबल लगाएं। सफलता के कुछ संकेत लगाए। दौड़ते हुए घोड़े और उगते हुए सूरज की तस्वीर भी लगा सकते हैं। इससे अच्छी ऊर्जा मिलती है।

New Rules 2024 : 1 जनवरी से Sim, Income Tax और बैंकों के बदल जाएंगे नियम

बच्चे की पढ़ाई की टेबल आयताकार या चौकोर होनी चाहिए, साथ ही कुर्सी अच्छी जगह पर होनी चाहिए। टूटी हुई कुर्सी विकार पैदा करती है। बच्चे की कुर्सी को कमरे में इस तरह रखें कि खिड़की पीठ के पीछे हो। बच्चे को इससे एनर्जी मिलती है और उसका ध्यान नहीं भटकता।

स्टडी रूम की दीवारें पीले रंग की होनी चाहिए। इससे अच्छी ऊर्जा मिलती है। मेज और कुर्सी भी हल्के रंग की होनी चाहिए। ब्राइट कलर स्टडी रूम में बच्चों का ध्यान भटकाते हैं।

शीशा पढ़ाई वाले कमरे में कभी भी नहीं लगाना चाहिए. अगर बच्चे ने पहले से लगा है तो शीशा को उसके कुर्सी पर ऐसे रखना चाहिए कि उसकी नजर बार-बार शीशे पर न पड़े, वरना बच्चे को पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।
याद रखें कि पढ़ना लिखना हर बच्चे की बौद्धिक क्षमता पर निर्भर करता है, लेकिन हम घर में कुछ बदलाव कर सकते हैं और बच्चे का ध्यान भटकने से बचाने के लिए एक सकारात्मक वातावरण बना सकते हैं।