Office address verification: सरकार ने ऑफिस एड्रेस के वेरिफिकेशन में जारी किया नया नियम
Haryana update: नए नियम के मुताबिक, जिस वक्त कंपनी के ऑफिस एड्रेस का फिजिकल वेरिफिकेशन (physical verification of office address)होगा, उस वक्त ऑफिस में गवाहों (witnesses in the office)का रहना जरूरी होगा. गवाहों के मौजूद रहने से दो फायदा होगा.
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पहला, अथॉरिटी के अधिकारी अगर मनमानी करते हैं तो उनके खिलाफ सबूत होगा. दूसरा, वेरिफिकेशन में गवाह के रूप में तीसरे पक्ष के रहने से पूरे काम में पारदर्शिता लाई जा सकेगी.
कंपनी एक्ट, 2013 के मुताबिक, कंपनी रजिस्ट्रार किसी कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस का फिजिकल(According to the Companies Act, 2013, the Registrar of Companies is the physical address of the registered office of a company.)
वेरिफिकेशन कर सकता है अगर उसे लगे कि दिए गए पते पर सही ढंग से बिजनेस नहीं हो रहा है. इसी एक्ट के तहत फिजिकल वेरिफिकेशन के नियम को भी शामिल कर दिया गया है. रजिस्टर्ड कंपनी की ओर से दिए गए पते पर फिजिकल वेरिफिकेशन के समय दो गवाहों का होना जरूरी होगा. ये गवाह उसी इलाके के होने चाहिए जहां कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस चल रहा है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि अगर रजिस्ट्रार को जरूरत पड़े तो वह फिजिकल वेरिफिकेशन के समय स्थानीय पुलिस की मदद ले सकता है.
ऐसे होगा फिजिकल वेरिफिकेशन(This will be the physical verification)
फिजिकल वेरिफिकेशन के वक्त कंपनी रजिस्ट्रार उन कागजातों की जांच कर सकता है जो रजिस्ट्रेशन के वक्त जमा कराए गए थे. सही-गलत का पता लगाने के लिए दस्तावेजों का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा. एड्रेस प्रूफ वही होना चाहिए जो रजिस्ट्रेशन के वक्त दिया गया था, प्रॉपर्टी किसके नाम से है, किराये पर है तो उसके रेंट की पूरी जानकारी देनी होगी. फिजिकल वेरिफिकेशन के वक्त रजिस्ट्रार कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस का फोटो लेगा. एक बार जब फिजिकल वेरिफिकेशन का काम पूरा हो जाए तो लोकेशन और फोटो सहित बाकी सूचनाओं के साथ एक डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
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भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की तैयारी(Preparing to curb corruption)
सरकार के इस नए कदम से कंपनी के कामकाज में पारदर्शिता आएगी. कंपनियां जिस नाम और काम से अपना रजिस्ट्रेशन कराती हैं, उसी मकसद से रजिस्टर्ड ऑफिस के पते पर काम होना चाहिए. इसमें कोई गड़बड़ी या धांधली न हो, इसके लिए कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय नियम लागू करता है. फिजिकल वेरिफिकेशन का नया नियम गड़बड़ियों को रोकने की एक नई कोशिश है.
इससे अधिकारियों की मनमानी भी खत्म होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. वेरिफिकेशन के वक्त दो गवाह मौजूद होंगे जो बाद में किसी भी गड़बड़ी पर गवाही दे सकते हैं. इससे अधिकारी की चोरी पकड़ी जाएगी. साथ ही, मौके पर कागजों का वेरिफिकेशन और फोटो खींचने जैसे कदमों से भी फिजिकल वेरिफिकेशन के काम में सफाई देखी जा सकेगी.