Panipat: पानीपत के कंबल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी अपनी खास पहचान रखते हैं,चीन को छोड़ा पीछे
Haryana Update:अब पानीपत के कंबल उद्योग में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। जिससे व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि पानीपत का कंबल उद्योग मंदी और महंगाइ की मार को झेल रहा है।
लगातार बढ़ रही है धागे की कीमत
वहीं सरकार की कई नीतियाँ भी इस व्यापार को गिराने का काम भी कर रही है। धागे की बढ़ती कीमत ने भी इस कंबल उद्योग में गिरावट लाने का काम किया है। कई फैक्ट्री अब बंद हो चुकी हैं और बची फैक्ट्री भी जैसे तैसे ही काम कर रही हैं। आइए जानते हैं इस खबर से जुड़ी खास बातें
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कंबल उद्योग में आई भारी गिरावट
पानीपत का हैंडलूम बिज़नस पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। यहाँ के कंबल और चादर भी दुनिया के अलग अलग बाज़ारों में पसंद किए जाते हैं। महामारी के बाद इस कंबल उद्योग ने चीन को पछाड़ते हुए व्यापार को 12 हज़ार करोड़ से 20 हज़ार करोड़ तक पहुंचा दिया था। लेकिन अब पानीपत कंबल उद्योग में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। धागे की बढ़ती कीमत ने कंबल उद्योग को जमीन पर ला दिया है।
बंद हो रही है कंपनियां
पहले पानीपत में एक्रेलिक कंबल का व्यापार भी काफी किया जाता था। लेकिन अब ये व्यापार भी काफी कम हो चुका है। 200 से ज्यादा एक्रेलिक कंपनी भी बंद हो चुकी हैं। वहीं अब पानीपत में मिंक कंबल का उत्पादन किया जा रहा है। लेकिन धागे के बढ़ते दाम इस बिज़नस पर असर डाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि चीन के कंबलों की बढ़ती मांग भी पानीपत कंबल उद्योग पर बुरा असर डाल रही है।
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सरकारी नीतियाँ भी बनी है रोड़ा
भारत की सरकार भी कई ऐसी नीतियाँ बना रही है जिसका इस व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। फेडरेशन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन भीम राणा ने बताया है कि आज से करीब 5-7 साल पहले भारत से 50 हज़ार करोड़ के कंबल और चादर का एक्सपोर्ट किया जाता था। लेकिन अब कई नीतियों के कारण इसमें भी मंदी आ गई है।