पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लेने वाले हो जाएं सावधान! RBI ने सख्ती अपनाई, प्रभावित होगा

Personal Debt: रिजर्व बैंक ने असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज पर जोखिम बढ़ाकर उपभोक्ता ऋण की शर्तें कड़ी करने के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स, साख निर्धारित करने वाली संस्था, ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
 

Haryana Update: उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में असुरक्षित व्यक्तिगत कर्ज और क्रेडिट कार्ड ऋण की दर तेजी से बढ़ी है। ऐसे कर्जों में सितंबर, 2023 के अंतिम 12 महीनों में २4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस पर नवीनतम अपडेट को जानें..।

 वास्तव में, भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे कर्ज से जुड़े नियमों को सख्त कर दिया, जो बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए असुरक्षित माने जाते हैं। संशोधित मानदंड ने जोखिम भार को 25 प्रतिशत बढ़ा दिया।

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गैर-बैंक क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना

यह कदम उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण बैंक लोन देने की संभावना कम करेगा। साथ ही, विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव डालने की संभावना है। S&P Global Ratings ने कहा कि इससे कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी, ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों को अधिक धन जुटाने की जरूरत होगी। उच्च जोखिम भार के बावजूद, परिसंपत्ति की गुणवत्ता अंततः बेहतर होगी।

प्रभावित होने की संभावना

S&P Global Rating की क्रेडिट विश्लेषक गीता चुघ ने कहा कि धीमी कर्ज वृद्धि और जोखिम प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने से संभवतः भारतीय बैंक प्रणाली में परिसंपत्ति गुणवत्ता बेहतर होगी। उन्होंने कहा, "हालांकि, इसका तत्काल प्रभाव कर्जदारों के लिये उच्च ब्याज दरों, वित्तीय संस्थानों के लिये धीमी कर्ज वृद्धि, पूंजी पर्याप्तता में कमी और मुनाफे पर कुछ असर पड़ने की संभावना है। हमारा अनुमान है (टियर-1) कि बैंकों की शेयर पूंजी पर्याप्तता में लगभग 0.6 प्रतिशत की कमी होगी।‘’

वित्तीय संस्थाओं पर बुरा असर पड़ेगा

“वित्तीय कंपनियां इससे भी बुरी तरह प्रभावित होंगी क्योंकि उनकी बढ़ने वाले बैंक कर्ज में लागत में वृद्धि होगी, साथ ही पूंजी पर्याप्तता पर भी प्रभाव पड़ेगा,” गीता चुघ ने कहा।‘’ रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि इन बदलावों का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई तत्काल असर नहीं होगा। शीर्ष रेटिंग वाले बैंकों और बैंकों का जोखिम-समायोजित पूंजी अनुपात भी इससे प्रभावित नहीं होगा।