RBI का बड़ा फैसला, विदेशी UPI एप्स पर पाबंदी, गूगलपे और फोनपे का कम हो सकता है दबदबा
 

RBI ON UPI Apps : RBI का अगला कदम भारत में UPI सेगमेंट में विदेशी फिनटेक कंपनियों के दबदबे को समाप्त करने की संभावना है, क्योंकि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में विदेशी फिनटेक एप्लिकेशन के अधिक हिस्सेदारी पर चिंता जताई है।
 
 

Haryana Update, RBI ON UPI Apps : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से लेकर NBFCs और फिनेटक कंपनियों को कड़ी निगरानी में रखा है, ताकि देश को वित्तीय संकट से बचाया जा सके। देश के छोटे बड़े बैंकों पर RBI के जुर्माना लगाने की खबरें लगातार आती रहती हैं। RBI ने हाल ही में पेटीएम बैंक पर भी कड़ी कार्रवाई की, उसे मनी लॉन्ड्रिंग के शक में सेवाएं बंद करने का आदेश दिया। अब अगला कदम भारत में विदेशी फिनटेक कंपनियों के दबदबे को दूर करने पर हो सकता है। 

मनी लॉन्ड्रिंग ने बढ़ाई मुश्किल!
दरअसल, घरेलू फिनटेक कंपनियों को यूपीआई बाजार में बढ़ावा देने और फोनपे और गूगल पे जैसे विदेशी ऐपों का वर्चस्व खत्म करने की संभावना है। सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी संसदीय समिति ने विदेशी फिनटेक ऐपों की बढ़ती हिस्सेदारी पर चिंता जताई है। इस समिति ने घरेलू उपकरणों को प्रोत्साहित करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि भारतीय UPI क्षेत्र पर विदेशी फिनटेक कंपनियां और ऐप हावी हैं। समिति ने कहा कि कई फिनटेक कंपनियों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है, जो इन विदेशी कंपनियों को परेशान करता है।

30% मार्केट शेयर की सीमा तय होगी!
आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर-नवंबर 2023 में ट्रांजेक्शन वॉल्यूम के मामले में फोनपे 46.91% और गूगल पे 36.39% बाजार हिस्सेदारी था। BHIM UPI, एक भारतीय ऐप, इस मामले में बहुत पीछे है। ऐसे में वॉलमॉर्ट की फोन पे और गूगल पे जैसी विदेशी कंपनियों का पूरी तरह से भारतीय UPI पर नियंत्रण है।

NPCI, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अगले वर्ष से UPI लेनदेन की संख्या के आधार पर घरेलू बाजार में फिनटेक ऐप की हिस्सेदारी को अधिकतम 30% करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, समिति ने कहा कि RBI और NPCI को विदेशी कंपनियों की तुलना में भारतीय फिनटेक ऐप की निगरानी करना ज्यादा आसान होगा।  

देशी फिनटेक कंपनियों को लाभ मिलेगा!
रिपोर्ट में समिति ने कहा कि घरेलू कंपनियों को फिनटेक सेक्टर में बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। स्वदेशी निर्मित भीम यूपीआई इसकी बेहतरीन उदाहरण है। यूपीआई बाजार में इसकी हिस्सेदारी कम है। रिपोर्ट बताती है कि भारत मेक इन इंडिया पर अधिक जोर दे रहा है। नतीजतन, समिति का मानना है कि फिनटेक क्षेत्र में घरेलू संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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