Business Tips :  मसालों की खेती करके करें छप्पर फाड़ कमाई, जानिए टिप्स 

राजस्थान और बुंदेखंड के किसान मसाले की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। यह देखते हुए, देश के अधिकांश हिस्सों में किसानों ने मसाले की खेती शुरू कर दी है और इसके अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं। सरकार भी अपनी खेती में किसानों को सहायता दे रही है।
 

Masale Plant Kaise Kare: देश का अधिकांश हिस्सा मसाला उत्पादन करता है। किसान भाई मसाले की खेती भी करते हैं कि इससे अन्य फसलों की तुलना में अच्छी कमाई हो सके, लेकिन सटीक जानकारी न होने से यहां से अच्छी कमाई नहीं कर पाते हैं। अगर आप युवा किसान हैं और खेती किसानी में दिलचस्पी लेते हैं, मसाले की खेती करने के बारे में सोच रहे हैं और नहीं चाहते कि आपकी फसल औने पौने दामों पर बिके तो कुछ महत्वपूर्ण बाते हैं, जिन्हें आप जान लेंगे तो बहुत फायदा मिलेगा।


मसाले की खेती करते समय इन बातों का ध्यान रखें क्योंकि मसाले की बहुत सी फसलें होती हैं। हर फसल की अपनी विशिष्ट विशेषताएं और मांग होती हैं। इसलिए जब भी आप मसाले की खेती करें तो उन फसलों को तैयार करने की कोशिश करें, जिनकी बाजार में अधिक मांग होगी, वैसे तो बहुत सारे मसाले मिलते हैं, लेकिन आपके क्षेत्र में कुछ मसाले सबसे लोकप्रिय होंगे। यही कारण है कि बाजार की मांग बढ़ने से आप अपनी मसाले की फसल का उचित मूल्य पाते हैं। यही कारण है कि किसानों को हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि वे सही मसाले की खेती करें, जिनकी स्थानीय बाजार में अधिक मांग है

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राजस्थान और बुंदेखंड में मसाले की खेती करने वाले किसान भी सरकार की सहायता से लाभ कमा रहे हैं। यह देखते हुए, देश के अधिकांश हिस्सों में किसानों ने मसाले की खेती शुरू कर दी है और इसके अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं। इसके अलावा, सरकार मसाल की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। यही कारण है कि अगर आप युवा किसान हैं और अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इन प्रमुख मसालों की खेती कर सकते हैं।

जीरा की खेती: जीरा एक ऐसा पदार्थ है जिसे लगभग हर खाद्य पदार्थ में मिलाया जाता है। सब्जी, दही, छाछ के अलावा दाल बनाने में जीरा का उपयोग किया जाता है। लोग इसका स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयोग करते हैं, इसलिए इसे औषधीय फसल भी कहते हैं। इसलिए इसकी मांग पूरे बारह महीने तक रहती है। यह खेती किसान को अच्छी कमाई दे सकती है।

हल्दी को कई खाद्य पदार्थों के साथ स्वास्थ्य के लिए भी खेती जाती है। इसलिए इसकी मांग हर समय रहती है। हल्की फसल का व्यावसायिक खेती करने वाले किसान इससे अधिक लाभ कमा सकते हैं। वैसे तो देश के कई हिस्सों में हल्की खेती की जाती है। पहले यूपी के बाराबंकी जिले में भी हल्की खेती नहीं होती थी।

मेथी खेती: मेथी नकदी फसल है। अगर वह मसाले की फसल करने जा रहा है तो इस किसान मेथी भी बो सकता है। यह भी एक व्यवसायिक फसल है, इसलिए इसके किसान अच्छे लाभ कमाते हैं। ठंड में लोग मेथी की सब्जी को अचार और लड्डू बनाकर खाते हैं। ऐसे में आप चाहें तो इसकी खेती कर हर साल लाखों रुपये बच सकते हैं।

सौंफ की फसल: सौंफ लोगों ने कई प्रकार से इस्तेमाल किया है। खाने की सब्जी में डालने से लेकर कई बीमारियों में दवाओं में डालने तक। साथ ही, सौंफ को आजार बनाने में भी उपयोग किया जाता है। सौंफ के कई फायदेमंद गुणों की वजह से इसकी मांग हर साल रहती है। व्यवसायिक रूप से सौंफ की खेती करने वाले किसान वास्तव में लाभ कमा सकते हैं।