Cibil Score: लोन लेने के लिए माइनस 'Cibil Score' कैसे बढाएँ, जानें  

Cibil Score: सिबिल स्कोर का योगदान लोन लेने में एक आवश्यक मानक की तरह है। लोन मिलने की संभावना कम होती है जिनके सिबिल स्कोर नेगेटिव हैं। दिल्ली में रहने वाले राहुल की महीने की इनकम 1.5 लाख रुपये है, और वे इसी समस्या का सामना कर रहे हैं।
 

Cibil Score: सिबिल स्कोर का योगदान लोन लेने में एक आवश्यक मानक की तरह है। लोन मिलने की संभावना कम होती है जिनके सिबिल स्कोर नेगेटिव हैं। दिल्ली में रहने वाले राहुल की महीने की इनकम 1.5 लाख रुपये है, और वे इसी समस्या का सामना कर रहे हैं।

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वे एक SUV खरीदने के लिए लोन आवेदन करते समय पता चला कि उनका सिबिल स्कोर एक था। इसकी वजह यह है कि वे पहले कभी लोन नहीं लिया था और क्रेडिट कार्ड नहीं था।

वे तीन सदस्यों का परिवार हैं और मासिक 1.5 लाख रुपये कमाती हैं। इसलिए, उनके वेतन से घर के सभी खर्च और बचत करना बहुत आसान है। उन्होंने क्रेडिट कार्ड नहीं लिया और घर में काम करने पर कभी लोन की भी जरूरत नहीं पड़ी।

जैसे, अर्चित ने सोचा कि उनका उच्च वेतन उनके लिए कोई समस्या नहीं होगी अगर वे बैंक से लोन की मांग करेंगे। अर्चित अब त्योहारी सीजन में एक SUV खरीदने का विचार कर रहे हैं। वे डाउन पेमेंट के रूप में कुछ पैसे जमा करेंगे और बकाया बैंक लोन से चलेंगे।

अब वे बैंक जाकर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं क्योंकि उनका सिबिल स्कोर-1 है। इसकी वजह थी कि बैंक उन्हें लोन देने में हिचकिचा रहा था क्योंकि उनकी क्रेडिट हिस् ट्री पहले से कम थी। बहुत से लोगों को अर्चित वाली समस्या है।

पहले माइनस क्यों होता है?

इस स्थिति में, सिबिल स्कोर को सही करने के लिए उनके पास क्या विकल्प हैं? आपको यह जानकारी मिलेगी। पहले सिबिल स्कोर माइनस क्यों होता है? वैसे, लोन लेने में बेहतर क्रेडिट स्कोर बहुत महत्वपूर्ण है। इस स्कोर से लोन आसानी से मिलता है।

सिबिल स् कोर 300-900 है। 750 या अधिक सिबिल स्कोर को सही मानते हैं। किन्तु यदि आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं करते हैं और कुछ लोन नहीं लेते हैं, तो आपके पास कोई क्रेडिट हिस्सा नहीं होगा।

इस मामले में जीरो क्रेडिट स्कोर या क्रेडिट स्कोर -1 होता है। अब बैंक ऐसे लोगों को किस तरह से विश्वसनीय मानते हैं, यह समस्या है। ऐसे हालात में बैंक लोन देने से इनकार करते हैं या संकोच करते हैं।

माइनस सिबिल स्कोर होने पर लोन मिलने की कोई संभावना नहीं होती?

ऐसे मामले में एक सरकारी बैंक अधिकारी का कहना है कि अगर सिबिल स्कोर माइनस है, तो बैंक व्यक्ति की विश्वसनीयता को अन्य मानकों से जाँचेंगे। बाद में व्यक्ति की आय, शैक्षणिक योग्यताएं आदि की जांच की जाती है।

माना कि कोई व्यक्ति डॉक् टर, सीए या किसी अन्य ऊँची पद पर है, तो उसके पास क्रेडिट हिस् ट्री नहीं होने पर भी लोन मिलने की बहुत संभावना है क्योंकि उनके पास पर्याप्त आय है। किंतु यदि वह भी किसी उच्च पद पर नहीं है, तो भी वह बैंक को पिछले कुछ सालों की "बैंक स्टेटमेंट" दिखाकर बैंक को खुश कर सकेंगे।

साथ ही नि यमित रूप से चुकाए गए अपने कई बिलो को भी प्रमाण के रूप में दर्शा सकते हैं। अब बैंक लोन दे सकता है और नहीं भी।

माइनस सिबिल स्कोर को बढ़ाने के लिए लोन लेना यही है। यदि बैंक आपको लोन नहीं दे रहा है क्योंकि आपके पास क्रेडिट हिस् ट्री नहीं है, तो आपके पास दो विकल्प हैं:

पहला रास्ता— बैंक से क्रेडिट कार्ड लेने के बाद इसका उपयोग करें और समय पर भुगतान करें। ऐसे बैंकिंग क्षेत्र में आपका लोन शुरू होगा और आपका सिबिल स्कोर दो से तीन हफ्तों में अपडेट होगा।

दूसरा रास्ता— 10-10 हजार की दो छोटी-छोटी FD अपने बैंक से करनी है। FD खुलने पर, वे अपने बुते ओवरड्राफ्ट करने की सुविधा के तहत लोन ले सकेंगे। आपके क्रेडिट स्कोर में वृद्धि होगी जब आप इन FD पर अतिरिक्त ड्रॉफ्ट के अंतर्गत धन निकालेंगे।

वर्तमान समय में, अच्छी आय वाले लोगों को बैंक लोन लेने में कठिनाई होती है, लेकिन इस जानकारी के बाद उनका बैंक लोन लेना बहुत आसान हो सकता है।