Driving License: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना होगा आसान, अगले 3 दिन बाद लागू होंगे नए नियम!

Driving License: जो सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस हैं। इन ट्रेनिंग सेंटरों में काम करने वाले प्रशिक्षकों को डिप्लोमा प्राप्त करने के साथ-साथ कम-से-कम पांच साल की कार चलाने की अनुभवी होना चाहिए। 

 

Haryana Update: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। ध्यान दें कि 1 जून से ड्राइविंग लाइसेंस लेना बहुत सरल हो जाएगा। इस संबंध में जल्द ही नए नियम लागू होंगे। तब ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा।

नए नियमों के अनुसार, 1 जून 2024 से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO ऑफिस जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। (Driving License) अब आप किसी सरकारी ड्राइविंग ट्रेनिंग संस्थान में ड्राइविंग टेस्ट दे सकते हैं। यानि आप ड्राइविंग लाइसेंस भी उसी ट्रेनिंग सेंटर से प्राप्त कर सकते हैं जहां आप ड्राइविंग सीख रहे हैं।

प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटरों से ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए कुछ शर्तें होती हैं। यदि सरकार द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरता है, (Driving License) तो ट्रेनिंग सेंटर को मान्यता नहीं दी जाएगी। इस बारे में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए आवश्यक आवश्यकताएँ हल्के मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण के लिए एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जबकि फोर व्हीलर वाहन चालन प्रशिक्षण के लिए दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। सरकार निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों को लाइसेंस देती है जो सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस हैं। इन ट्रेनिंग सेंटरों में काम करने वाले प्रशिक्षकों को डिप्लोमा प्राप्त करने के साथ-साथ कम-से-कम पांच साल की कार चलाने की अनुभवी होना चाहिए। उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों और बायोमेट्रिक्स का कम से कम ज्ञान होना चाहिए।

Haryana Lok Sabha Elections: हरियाणा के इस गांव में लोकसभा चुनाव में केवल 2 लोगों ने डाला वोट, जानें वजह

हल्के मोटर वाहन का प्रशिक्षण चार सप्ताह या नहीं, लेकिन कम से कम 29 घंटे में पूरा होना चाहिए। (Driving License) यह प्रशिक्षण सिद्धांतिक रूप से होना चाहिए और इसका अभ्यास भी होना चाहिए। थ्योरी के लिए 8 घंटे और प्रैक्टिकल के लिए 21 घंटे से अधिक समय नहीं होगा। भारी मोटर वाहनों के मामले में 6 सप्ताह या कम से कम 38 घंटे का प्रशिक्षण होना चाहिए, जिसमें 8 घंटे की थ्योरी की पढ़ाई होगी और 31 घंटे की प्रैक्टिकल पढ़ाई होगी।