Shri Lanka Eggs Import:  इस देश में पढ़े खाने के लाले, भारत से 20 लाख अंडों का आयात

Haryanaupdate: यहां बात आर्थिक संकट और विदेशी कर्ज से घिरे श्रीलंका की, जिसकी सरकार ने अपने लोगों का पेट भरने के लिए भारत से 20 लाख अंडे मंगाए हैं. अंडों की ये अबतक की सबसे बड़ी खेप श्रीलंका पहुंच चुकी है.
 

Shri Lanka Eggs Import:  मुश्किल वक्त में पड़ोसी ही काम आता है. भारत (India) ने एक बार दूसरे देश की मदद करके ये बात साबित की है.

यहां बात आर्थिक संकट और विदेशी कर्ज से घिरे श्रीलंका की, जिसकी सरकार ने अपने लोगों का पेट भरने के लिए भारत से 20 लाख अंडे मंगाए हैं. अंडों की ये अबतक की सबसे बड़ी खेप श्रीलंका पहुंच चुकी है.

कोलंबो प्रशासन का कहना है कि जल्द ही पूरा स्टॉक बाजार में बिक्री के लिए पहुंच जाएंगा. हालांकि इससे पहले भी श्रीलंका में अंडों की कमी हो गई थी, तब भारत से आयात नहीं किया गया था.

संसद में दी जानकारी

श्रीलंका के व्यापार मंत्री नलिन फर्नांडो (Nalin Fernando) ने संसद को बताया कि स्टेट ट्रेडिंग जनरल कॉर्पोरेशन के जरिए भारत से 20 लाख अंडों (20 million eggs) का आयात किया गया है. जिसकी खेप अगले 72 घंटों के भीतर पूरे श्रीलंका के मार्केट में भेज दी जाएगाी.

फर्नांडो ने ये भी बताया कि अंडे आयात करने का निर्णय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कैबिनेट कमेटी के निर्णय पर आधारित था. 

अंडे का आयात
इससे पहले जनवरी में जब बाजार में अंडों की किल्लत की हुई थी तब श्रीलंका के पशु उत्पादन एवं स्वास्थ्य विभाग ने भारत और पाकिस्तान से अंडे के आयात को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था क्योंकि दोनों ही देशों से इससे पहले बीते छह माह के दौरान बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे. 

विपक्ष पर भड़की सरकार

श्रीलंका की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. बीते साल भर से हाहाकार मचा है. सिलेंडर और राशन सेना लगाकर बेंचना और बंटवाना पड़ रहा था. बड़ी मुश्किल से हालात जैसे तैसे काबू में आए हैं. धक्के खाकर श्रीलंका की गाड़ी खिंच रही है. कोलंबो की र्थव्यवस्था जो विकास की पटरी से उतरी थी उसे वापस ट्रैक पर लाया नहीं जा सका है.

इस बीच श्रीलंका सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो कोलंबो में मौजूद विदेशी राजदूतों के साथ बैठक करके अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के महत्वपूर्ण बेलआउट कार्यक्रम को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.

सरकार ने दावा किया कि देश में स्थानीय चुनावों में देरी को लेकर वैश्विक ऋणदाता से मदद के संबंध में कड़ी शर्तें लागू करवाने में सहयोग देने का अनुरोध करके विपक्ष बेलआउट कार्यक्रम को कमजोर कर रहा है.