रियल एस्टेट में निवेश करने का सुनहरा मौका, जानें की राय एक्सपर्ट?

जनवरी से मार्च तक आठ शहरों में घरों की सेल्स बढ़कर 85,850 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले 70,630 यूनिट की तुलना में काफी बेहतर आंकड़ें है . एक तिमाही में सबसे ज्यादा - 79,530 यूनिट से नए लॉन्च 86 फीसदी बढ़कर 1,47,780 यूनिट हो गए.

 

याद कीजिये साल 2020-21 के वित्तीय वर्ष को जब देश कोविड-19 महामारी से त्रस्त था. भारत अपने घर में कैद हो गया था. जो लोग शहरों में मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते हुए नोएडा और गुरुग्राम की पॉश सोसायटी में किराए पर रह रहे थे, वो भी छोड़-छोड़कर अपने घर निकल गए थे.

ऐसे दौर में देश का रियल एस्टेट कारोबार पूरी जरह से ठप हो गया था. मौजूदा दौर में चीजे काफी बदल गई है. आवासीय ब्रोकरेज फर्म PropTiger.com की हालिया रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है कि रियल एस्टेट सेक्टर में फिर से बूम आने की शुरूआत हो चुकी है. मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले तीन महीनों के आंकड़ों के घरों की बिक्री में 22 फीसदी और घरों की सप्लाई में 86 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है.

पहले देख लें यह आंकड़ें

आगे बढ़ने से पहले रिपोर्ट के आंकड़ों को थोड़ा और नजदीक से पढ़ने और गहनता के साथ समझने की जरूरत है. जनवरी से मार्च तक आठ शहरों में घरों की सेल्स बढ़कर 85,850 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले 70,630 यूनिट की तुलना में काफी बेहतर आंकड़ें है .

एक तिमाही में सबसे ज्यादा – 79,530 यूनिट से नए लॉन्च 86 फीसदी बढ़कर 1,47,780 यूनिट हो गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि नए लॉन्च में उछाल रियल एस्टेट डेवलपर्स के बाजार में विश्वास और बढ़ती मांग को पूरा करने की उनकी क्षमता को साफ बता रहा है.

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दिल्ली एनसीआर के आंकड़ों पर नहीं होगा विश्वास

वैसे रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में, मार्च तिमाही में आवास की बिक्री 24 फीसदी घटकर 3,800 यूनिट रह गई है. जो एक साल पहले 5,010 यूनिट थी. बेंगलुरु में 7,680 यूनिट से 3 फीसदी की गिरावट के साथ 7,440 यूनिट देखने को मिली. इसी तरह, कोलकाता में घरों की बिक्री में 22 फीसदी की गिरावट आई और 2,230 यूनिट दरह गई हैं. जो पिछले वर्ष के इसी महीने में 2,860 यूनिट थी.

इस रिपोर्ट को देखने के बाद कई तर​ह के सवाल मन में आ रहे हैं, पहला ये कि​ अब किसी इदंवेस्टर के लिए यह प्रॉपर्टी खरीदने का सही समय है? क्या कमर्शियल इंवेस्टमेंट बेहतर है या रजिडेंशियल प्रोजेक्ट में पैसा लगाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा? आइए आपको भी इन सवालों का जवाब देने का प्रयास करते हैं.

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रियल एस्टेट बेस्ट असेट क्लास

InvestoXpert.com के एमडी विशाल रहेजा ने न्यूज18 से बत करते हुए कहा कि ग्लोबल लेवल पर महामारी के कारण हुई अशांति का सामना करने के बाद भारतीय रियल एस्टेट बाजार ने आखिरकार ऊपर की ओर देखना शुरू कर दिया है.

रहेजा ने कहा कि अनुकूल पॉलिसीज और सॉलिड इंफ्रा डेवलपमेंट ने निश्चित रूप से इस सेक्टर को सपोर्ट किया है जो मार्केट में बढ़ती मांग की ओर इशारा कर रहा है. मौजूदा समय में जिस तरह के हालात हैं रियल एस्टेट में निवेश कर आइडियल समय कह सकते हैं.

रहेजा के अनुसार, रियल एस्टेट में निवेश एक लांग टर्म इंवेस्टमेंट है, इसलिए कंज्यूमर का पर्सपेक्टिव ही प्राइम है और लंबे समय में हाई रिटर्न के कारण रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट को रॉक-सॉलिड माना जाता है. रहेजा कहते हैं कि हम घर भले ही इनकम के तौर पर किराए पर देने के लिए खरीदते हों, लेकिन खरीदते जरूर हैं. इसलिए, रियल एस्टेट को हमेशा बेस्ट असेट क्लास भी कहा जाता है.