Gratuity: जाने किन परिस्थितियों में 5 साल से पहले ले सकते है अपना ग्रेच्युटी, क्या हो अगर हो जाए कर्मचारी की मौत
Gratuity Fund: आपको पता होगा कि अगर हमे किसी कंपनी से ग्रेच्युटी लेना है तो इसके लिए आपको एक ही कंपनी में 5 साल की सेवा देनी होती है. लेकिन वही 5 साल से पहले भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है. लेकिन वहीं अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाए तो यह नियम पूरी तरह खत्म हो जाता है.
Haryana Update: ग्रेच्युटी एक कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी को उसकी वफादारी के सम्मान के रूप में दिया गया मौद्रिक पुरस्कार होता है. हालांकि, इसके लिए कर्मचारी को कम-से-कम 5 साल अपनी कंपनी को देने होते हैं.
उसके बाद ही कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होता है. ऐसे में एक सवाल उठता है कि अगर किसी कर्मचारी का 5 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले निधन हो जाए तो क्या होगा. क्या कंपनी तब भी उसे ग्रेच्युटी देगी?
किसी कर्मचारी की मौत की सूरत में न्यूनतम कार्य दिवस वाला नियम की खत्म हो जाता है. इसका मतलब है कि उसने जितने भी दिन काम किया है. उसकी ग्रेच्युटी उसे अनिवार्य रूप से दी जाएगी. कंपनी का अगर ऐसा नहीं करती है तो कर्मचारी का परिवार इसका दावा कर सकता है और जरूरत पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है.
जाने कब खत्म हो जाता है ये नियम
ग्रेच्युटी को लेकर यह नियम केवल मौत के मामले में खत्म नहीं होता. बल्कि कर्मचारी के दिव्यांग हो जाने पर भी कंपनी को उसे ग्रेच्युटी देनी होती है. दोनों ही सूरतों में यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि उसने कितने महीने या साल काम किया है. हालांकि, ऐसे कर्मचारियों को अधिकतम 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी के रूप में दिये जा सकते हैं.
मौत के बाद किसे जाएगी ग्रेच्युटी
कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी को ग्रेच्युटी की पूरी रकम का भुगतान किया जाता है. अगर नॉमिनी नाबलिग है तो कंट्रोलिंक अथॉरिटी ग्रेच्युटी की रकम को बैंक या वित्तीय संस्थान में निवेश कर देगी.
जब वह बालिग हो जाएगा/जाएगी तो रकम उसे सौंप दी जाएगी. दिव्यांग वाली स्थिति में ग्रेच्युटी कर्मचारी को ही दे दी जाती है. दिव्यांग का मतलब यहां उस परिस्थिति से जहां कोई कर्मचारी कई सालों या स्थाई रूप से काम पर लौटने की स्थिति में ना रह जाए.
जाने किस स्थिति में हो सकती है ग्रेच्युटी की गणना
कर्मचारी अगर नौकरी के सालभर के अंदर दिव्यांग हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो बेसिक सैलरी की दोगुना राशि उसे ग्रेच्युटी के रूप में दी जाती है. 1 साल से अधिक लेकिन 5 साल से कम अवधि वाली स्थिति में बेसिक सैलरी का 6 गुना, 5 साल से ज्यादा लेकिन 11 साल से कम की सर्विस होने पर बेसिक सैलरी की 12 गुना राशि, 11 साल से ज्यादा लेकिन 20 साल से कम समय के मामले में बेसिक का 20 गुना और 20 साल या उससे ज्यादा की नौकरी होने पर बेसिका का 33 गुना ग्रेच्युटी के रूप में दिया जाता है.