किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, हरियाणा सरकार अनार का बाग लगाने पर दे रही 50 प्रतिशत सब्सिडी
आपको बता दें कि पानी की कमी और लगातार गिरते जल स्तर को देखते हुए हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों को धान की खेती की जगह फलों का बाग लगाने पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा हैं।
सरकार भी सब्जी और फलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।इसी क्रम में हरियाणा सरकार की ओर से अनार का बाग लगाने पर किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों को लाभ होगा।
इसलिए इस बारिश के सीजन में किसान यदि अनार का बाग लगाएं तो कभी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। इसी के साथ किसान अन्य सब्जियों और फलों की खेती करके भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को अनार, बेर, चीकू, लीची, आंवला, आडू, नाशपाती, अमरूद, आम, नींबू वर्गीय फल, अलूचा, अंगूर, पपीता, ड्रैगन फ्रूट इत्यादि फलों के बाग लगाने पर किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। यह सब्सिडी किसानों को 3 वर्षों के लिए दी जाएगी।
राज्य सरकार की इस योजना में सामान्य दूरी वाले बागों के अंतर्गत बेर, चीकू, लीची, आंवला, आडू एवं नाशपाती आदि फलों को शामिल किया है। सामान्य दूरी के लिए पौधों तथा पंक्तियों कि दूरी 6 मी. 3 7 मी. एवं इससे अधिक रखा गया है। टिशु कल्चर के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग ने खजूर को रखा है। इसके पौधे से पौधे की दूरी 8 मी। 3 8 मी। रखी जाती है। इस श्रेणी में किसानों को पौधों की संख्या 63 प्रति एकड़ रखनी होगी। टिशु कल्चर के लिए किसानों को लागत का 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
ट्रेलाइजिंग सिस्टम /पौधा जाल प्रणाली के लिए किसानों को लागत का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। ट्रेलाइजिंग सिस्टम /पौधा जाल प्रणाली के लिए लागत मूल्य 1,40,000 रुपए रखी गई है। इसमें से सरकार की ओर से किसानों को 70,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि किसानों को एक बार में ही पूरी दी जाएगी।
इस वर्ग के बागों के लिए अधिकतम लागत 65 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर है जिस पर 32,500 रुपए की सब्सिडी सरकार की ओर से किसानों को दी जाएगी। यह सब्सिडी किसानों को तीन वर्षों में दी जाएगी। इसमें प्रथम वर्ष के लिए 19,500 रुपए, द्वितीय वर्ष के लिए 6,500 रुपए एवं तृतीय वर्ष के लिए 6,500 रुपए दिए जाएंगे।
सघन बागों के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग ने आम, अमरुद, नींबू वर्गीय, अनार, आडू, अलूचा, नाशपती, अंगूर, पपीता एवं ड्रैगन फ्रूट आदि फलों को शामिल किया है। सघन बागों के लिए 6 मी. 3 6 मी. एवं इससे कम पौधों की दूरी किसानों को रखना होगा।
इसके लिए किसानों को 50,000 रुपए का अधिकतम अनुदान किसानों को दिया जाएगा। किसानों को अनुदान की राशि तीन वर्षों में दी जाएगी। इसमें प्रथम वर्ष में 30,000 रुपए, द्वितीय वर्ष में 10,000 रुपए और तृतीय वर्ष में 10,000 रुपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।
इस श्रेणी के लिए प्रति एकड़ 111 पौधे एवं इससे अधिक लगाए जा सकते हैं। सरकार सघन बागों के लिए किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देगी। सघन बागवानी के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तक की लागत तय की गई है।