Gratuity की रकम कैसे होती हैं तय, जानिए Formula 

Gratuity Calculation Formula: आपके रिजाइन के समय आपकी मूल मंथली सैलरी पच्चीस हजार रुपये थी। यही कारण है कि आपकी ग्रेच्युटी की राशि इस तरह पता चलेगी।

 

Haryana Update: आपको बता दें, की जिन लोगों ने अपनी पहली नौकरी शुरू की है, वे शायद ग्रेच्युटी के बारे में नहीं जानते होंगे। सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट को सुधारने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें से एक है ग्रेच्युटी। कर्मचारी और कंपनी दोनों का ग्रेच्युटी में योगदान एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) की तरह होता है। लेकिन कंपनी इसका बड़ा हिस्सा उठाती है, EPF के विपरीत, कर्मचारी के वेतन से छोटा सा हिस्सा कटता है।

ग्रेच्युटी क्या है?
याद रखें कि ग्रेच्युटी एक तरह से कंपनी से वफादारी का इनाम होता है। आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाते हैं अगर आप पांच या इससे अधिक वर्षों तक एक ही संस्था में निरंतर काम करते रहे हैं। 

हालाँकि, पाँच वर्ष की सेवा अवधि को एक वर्ष तक कम करने की चर्चा हो रही है। इसकी चर्चा केंद्रीय न्यू वेज कोड में हुई है, जो लागू होने पर करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा।

क्या आप जानते हैं कि ग्रेच्युटी कब मिलती है? 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिटायरमेंट के बाद अक्सर ग्रेच्युटी मिलती है। लेकिन पांच साल बाद नौकरी बदलने या छोड़ने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी। यदि कर्मचारी सेवा के दौरान मर जाता है या दिव्यांग हो जाता है, तो पांच साल की कम सेवा पर भी ग्रेच्युटी मिलती है।

यदि आपने अपनी नौकरी के दौरान संस्थान की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, तो आपकी ग्रेच्युटी से उसकी क्षतिपूर्ति भी मिल सकती है।

ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला बहुत सरल है: कुल ग्रेच्युटी = (आखिरी बेसिक मंथली सैलरी) x (15/26) x (नौकरी के साल) है।

मिसाल के लिए, आप 2019 में काम शुरू करके 2024 में रिटायर हो गए। आपके रिजाइन के समय आपकी मूल मंथली सैलरी पच्चीस हजार रुपये थी। यही कारण है कि आपकी ग्रेच्युटी की राशि इस तरह पता चलेगी।

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि फरवरी को छोड़कर वर्ष के बाकी सभी महीने 30 या 31 दिन के होते हैं, 50,000 भाग (15/26 भाग) भाग 5 भाग। लेकिन पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972, ने चार साप्ताहिक छुट्टियों को 26 दिन की कामकाजी छुट्टी दी है।

यदि कंपनी ग्रेच्युटी नहीं देती तो ये काम करें
अगर आपने संस्थान में लगातार पांच साल काम किया है और आप पर कोई गैरकानूनी कार्य करने का आरोप नहीं है, तो आप ग्रेच्युटी की पूरी राशि मिलेगी। अगर कंपनी आपके पैसे रोकती है, तो आप शिकायत कर सकते हैं जिला श्रम आयुक्त से। यदि फैसला आपके पक्ष में आता है, तो कंपनी को ग्रेच्युटी के अलावा जुर्माना और ब्याज भी देना होगा।