World Bank: भारत के GDP विकास दर अनुमान में हुआ सुधार, लेकिन पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बड़ी गिरावट

World Bank: बिगड़ते बाहरी वातावरण के बीच वित्त वर्ष 22-23 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में गिरावट की उम्मीद है.
 

World Bank:  बिगड़ते बाहरी वातावरण के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले साल के मुकाबले वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि में गिरावट की उम्मीद है.FY22-23 में GDP विकास दर घटकर 6.9% रहने की उम्मीद है.

हालांकि, अक्तूबर के अनुमान(6.5 फीसदी) के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है.विश्व बैंक ने अपनी भारत विकास अद्यतन रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.

 

 

इस अनुमान को 2021-22 के 8.7% के मुकाबले बड़ी गिरावट मानी जा रही है.वहीं इससे पहले  स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया ने भी  2022-23 में भारत की जीडीपी  विकास दर 6.9 फीसदी रहने का ही अनुमान लगाया था.

बढ़ती महंगाई के कारण जीडीपी पर पड़ रहा असर
बढ़ती महंगाई को नियंत्रण करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक समेत दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं.इसका सीधा असर देश की सकल घरेलू उत्पाद  पर पड़ रहा है.

इसके साथ ही चीन में कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया के सप्लाई चेन पर बहुत बुरा असर पड़ा है. ऐसे में पूरी दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ गई है.


क्या होती है जीडीपी(GDP)
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं.

जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है और इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेज़ी या गिरावट आई है.सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय, भारत सरकार जीडीपी का मूल्यांकन करती है.

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