Income Tax विभाग ने अधिकारियों को दी है बड़ी खुशखबरी, जाने क्यों जारी हुआ CBDT का सर्कुलर

Latest Income Tax Department Update: जैसे कि आप जानते हैं इनकम टैक्स विभाग समय पर नई सर्कुलर जारी करता रहता है लेकिन इस बार इनकम टैक्स विभाग ने अपने सभी टैक्स अधिकारियों को एक बड़ी खुशखबरी देती है जान सीबीडीटी सर्कुलर के अंदर क्या जारी किया गया है।

 

Haryana Update:  अगर विवादित कर मांग क्रमशः 50 लाख रुपये, एक करोड़ रुपये और दो करोड़ रुपये से अधिक है।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिकारियों को टीडीएस/ टीसीएस, अघोषित विदेशी आय या ईडी एवं जीएसटी आसूचना जैसी एजेंसियों से मिली सूचना से संबंधित मामलों में मौद्रिक सीमा के परे अपील दायर करने की अनुमति दे दी है। वर्ष 2019 में तय सीमा के तहत फिलहाल कर अधिकारी आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं, 

 

आयकर विभाग की नियामकीय इकाई सीबीडीटी ने 15 मार्च के एक सर्कुलर में कहा है कि अपील की यह मौद्रिक सीमा उन मामलों में लागू नहीं होगी जहां संबंधित मामले में विभाग ने अभियोग दायर किया है और मुकदमा लंबित है और सजा का आदेश पारित कर दिया गया है।

 

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ऐसे मामले जहां कर-आकलन किसी अन्य कानून के तहत कथित अपराध के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से मिली सूचनाओं पर आधारित है, वहां कर मांग के बावजूद अपील दायर की जाएगी। यह मौद्रिक सीमा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कराधान में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस)/ स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) से संबंधित विवादों या दोहरे कराधान बचाव समझौते के प्रावधानों से संबंधित विवादों से उत्पन्न मुकदमेबाजी पर लागू नहीं होगी।


इसके साथ ही सीबीडीटी ने मौद्रिक सीमा के दायरे से बाहर रखे गए अपवादों का दायरा भी बढ़ा दिया है। इसके साथ कर अधिकारियों को अघोषित विदेशी आय/ संपत्ति/ बैंक खातों के विवाद में कर मांग की परवाह किए बिना भी अपील करनी होगी। इस समय लगभग 35 लाख करोड़ रुपये की लगभग 2।7 करोड़ कर मांगों पर विभिन्न मंचों पर विवाद चल रहे हैं। एकेएम ग्लोबल में कर भागीदार अमित माहेश्वरी ने कहा कि नए परिपत्र में अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा के मुद्दे पर पिछले कई परिपत्रों के बिंदुओं को समाहित करने की कोशिश की गई है।