Fixed Deposit करने वालों की हुई मौज! नहीं देना होगा Income Tax
Income Tax on FD (Haryana Update) : अगर आपके पास FD है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार बजट 2025 में ऐसा कदम उठाने पर विचार कर रही है, जिससे FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स से राहत मिल सके। फिलहाल FD से होने वाली आय पर इनकम टैक्स देना होता है, जो मध्यम वर्ग के लिए बड़ी चुनौती है। नई योजना से लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा और बचत भी बढ़ सकती है। इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
इनकम टैक्स और FD के बीच संबंध-
अभी तक जब भी आप FD में पैसा लगाते हैं तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स देना होता है। यह टैक्स आपकी इनकम स्लैब पर निर्भर करता है। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह बड़ी चिंता की बात है, क्योंकि महंगाई के इस दौर में बचत करना पहले से ही मुश्किल हो गया है। लेकिन अब उम्मीद है कि बजट 2025 में कुछ ऐसा ऐलान हो सकता है, जिससे FD पर टैक्स का बोझ कम हो जाए।
बजट 2025 से उम्मीदें-
मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट फरवरी 2025 में पेश करेगी। इस बजट में मध्यम वर्ग और करदाताओं को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। बैंकों ने वित्त मंत्रालय से मांग की है कि एफडी से मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री किया जाए। अगर सरकार इस मांग को मान लेती है तो एफडी में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो सकता है।
कैसे होगा फायदा?
मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये की एफडी कराई है। इस पर आपको 5 साल में 8 फीसदी ब्याज मिलता है। ऐसे में कुल ब्याज 4 लाख रुपये होगा। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक आपको 40 हजार रुपये तक टैक्स छूट मिलती है। बाकी 3.6 लाख रुपये पर टैक्स देना होता है। अगर आपका टैक्स स्लैब 30 फीसदी है तो 1.08 लाख रुपये टैक्स देय है। अब बैंकों ने सुझाव दिया है कि या तो एफडी के ब्याज पर टैक्स हटा दिया जाए या फिर इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) की तरह 12.5 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो आपका टैक्स का बोझ आधे से भी कम हो सकता है।
बचत पर जोर-
बैंकों ने भी कहा है कि महंगाई के इस दौर में लोगों की बचत पहले से कम हो गई है। अगर एफडी पर टैक्स छूट दी जाती है तो लोग ज्यादा बचत करेंगे। इससे न सिर्फ लोगों को फायदा होगा बल्कि बैंकों को भी फायदा होगा। जब बैंकों में ज्यादा पैसा जमा होगा तो उन्हें लोन बांटने के लिए फंड की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
एडलवाइज म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने भी सरकार के साथ प्री-बजट मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया। उनका कहना है कि अगर कैपिटल मार्केट को बढ़ावा दिया जाए और एफडी जैसे पारंपरिक निवेश पर टैक्स में छूट मिले तो इससे देश की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होगी।
आम लोगों को राहत की उम्मीद-
अगर सरकार बैंकों के इस सुझाव को मान लेती है तो न सिर्फ मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी बल्कि देश में बचत और निवेश की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा। जो लोग अपने भविष्य के लिए सुरक्षित और स्थिर निवेश की तलाश में हैं उनके लिए एफडी ज्यादा आकर्षक विकल्प बन जाएगा।
क्यों की जा रही है यह मांग?
बैंकों का कहना है कि लोग टैक्स के डर से एफडी की बजाय कम टैक्स वाले निवेश विकल्पों में पैसा लगाते हैं। अगर एफडी पर टैक्स छूट दी जाए तो यह समस्या खत्म हो जाएगी। बैंकों ने यह भी कहा कि इससे लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा, जिसे वे खर्च कर सकते हैं या कहीं और निवेश कर सकते हैं।
सरकार क्या करेगी?
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि बजट 2025 में इस पर कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह कदम आम जनता के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा। खासकर मध्यम वर्ग के लिए, जो अक्सर टैक्स और महंगाई के दोहरे दबाव में रहता है।