Inflation: रोजर्मरा की चीजों पर महगाई , माल कमाने की ताक में कंपनियां

Haryanaupdate: गर्मियों का सीजन इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद जैसे कि फ्रिज, एसी और कूलर जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए पीक सीजन होता है. वहीं डाबर इंडिया जैसी फूड कंपनी के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने भी कुछ वक्त पहले कहा था कि महंगाई बढ़ने के बावजूद आने वाले महीनों में मांग सुधरने की उम्मीद है.
 

Inflation: देश में महंगाई नीचे आने का नाम ही नहीं ले रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बार-बार रेपो रेट बढ़ाने के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं. मार्च के महीने में हुई बेमौसम बारिश गेहूं और सरसों की फसल को बरबाद करने के लिए काफी है.

वहीं सब्जी और फलों के बढ़ते दाम जेब पर डाका डालने के लिए तैयार हैं.

दूसरी तरफ एसी, फ्रिज, कूलर वगैरह बनाने वाली कंपनियां मार्च से जून के सीजन में जमकर पैसा कूटने की उम्मीद लगाए बैठी हैं. ऐसे में आखिर क्या गुल खिलाएंगी गर्मियां…

बारिश बिगाड़गी रसोई का बजट

हाल में जब गेहूं के दाम हद से ज्यादा बढ़े, तो लोगों की थाली से रोटियां कम होने लगीं. सरकार को स्थिति पर काबू करने के लिए अपना स्टॉक रिलीज करना पड़ा. वहीं खाने के तेल की हालत ऐसी है कि अगर बड़ी मात्रा में आयात ना किया जाए, तो लोग उबला खाना खाने को मजबूर हो जाएं.

अब जब मार्च के महीने में बेमौसम बारिश हो रही है, आने वाले महीनों में गेहूं और सरसों की महंगाई जेब पर भारी पड़ने वाली है. खड़ी फसल के चौपट होने या दागी होने से बाजार में इनकी कीमत बढ़ना तय है. वहीं हरी सब्जी और मौसमी फलों की नुकसान अलग हुआ है. मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में बारिश ने रबी की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान किया है.

मौसमी फलों को देखें तो इस बारिश का असर तरबूज, खरबूज और ककड़ी की फसल पर दिखेगा. वहीं आम और अंगूर की कीमतें भी तेज होने की उम्मीद है. जबकि सब्जियों में टमाटर, लौकी, भिंडी, खीरा और तोरई को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है.

महंंगा होने वाला रोजमर्रा का सामान

सब्जियां    फल
टमाटर    तरबूज
लौकी    खरबूज
भिंंडी    आम
खीरा    अंगूर
तोरई    ककड़ी
बढ़ेगा दूध-दही का भी दाम

खाद्यान्न, तेल, फल और सब्जी से अगर आपको मोहलत मिल भी गई, तो डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध-दही या पनीर और मक्खन, आइसक्रीम जैसे सामान भी आने वाले दिनों में महंगे हो सकते हैं.

कुछ वक्त पहले मदर डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष बंदलिश ने कहा था कि चारे की लागत बढ़ने से दूध की खरीद महंगी हुई है. ऐसे में दूध की कीमतों में ये उछाल अक्टूबर तक जारी रह सकता है. वैसे भी दूध की कीमतों में 8 से 9 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है. इससे मक्खन, घी, चीज और आइसक्रीम महंगी हुई है.

वहीं ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी का कहना है कि गेहूं महंगा होने की वजह से आने वाले दिनों में ब्रेड से लेकर बिस्किट तक के दाम 2.5 से 3 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं.

इतना महंगा हो सकता है ये सामान

दूध    8-9% तक महंंगा
दही    8-9% तक महंंगा
मक्खन    8-9% तक महंंगा
चीज    8-9% तक महंंगा
ब्रेड    2.5-3% तक महंगा
बिस्किट    2.5-3% तक महंगा
माइक्रोवेव    2-5% तक महंगा
एसी    2-5% तक महंगा
फ्रिज    2-5% तक महंगा
ब्यूटी प्रोडक्ट्स    8-10% तक महंगा
गर्मियों बढ़ी कीमतें, बूस्ट हुआ एसी-फ्रिज का प्रोडक्शन

इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेस बनाने वाली कंपनियां जहां जनवरी-फरवरी में 60 से 70 प्रतिशत कैपेसिटी का ही उत्पादन कर रहीं थीं. वहीं अब एसी, रेफ्रिजरेटर्स, कूलर्स और चेस्ट फ्रीजर्स का उत्पादन 90 से 100 प्रतिशत कैपेसिटी से हो रहा है. गोदरेज एप्लायंसेस के बिजनेस हेड कमल नंदी का कहना है कि लंबे समय के बाद कंपनी के प्लांट पूरी कैपेसिटी के साथ प्रोडक्शन कर रहे हैं. पिछले महीने से इनकी सेल्स बढ़ी है.

हालांकि Bosch और Siemens ब्रांड नाम से प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी बीएसएच हाउसहोल्ड एप्लायंसेस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज बहल का कहना है कि अप्रैल से कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की कीमत में 3 से 5 प्रतिशम तक बढ़ोत्तरी कर सकती हैं. वहीं इंडस्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि व्हाइट गुड्स जैसे कि कि एसी और रेफ्रिजरेटर्स की कीमत 2 से 3 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. हालांकि ये बहुत हद तक इनके पार्ट्स के आयात पर निर्भर करेगा.

महंगाई के बावजूद बढ़ सकती है डिमांड

गर्मियों का सीजन इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद जैसे कि फ्रिज, एसी और कूलर जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए पीक सीजन होता है. वहीं डाबर इंडिया जैसी फूड कंपनी के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने भी कुछ वक्त पहले कहा था कि महंगाई बढ़ने के बावजूद आने वाले महीनों में मांग सुधरने की उम्मीद है. ऐसे में कंपनियों ने भी इसकी जबरदस्त तैयारी कर ली है.

वहीं बीयर और अन्य एफएमसीजी उत्पाद बनाने वाली कंपनियों ने भी अपना प्रोडक्शन लेवल बढ़ाया हुआ है. किंगफिशर बीयर की पूरे साल की सेल में सिर्फ गर्मियों का सीजन 35 से 40 प्रतिशत का रिवेन्यू जेनरेट करता है.

डाबर इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदर्श शर्मा का कहना है कि बेवरेजेस और ग्लूकोज पोर्टफोलियो में उसके उत्पादों की डिमांड बढ़ी है. वहीं कंपनी ने इंवेंटरी बनाना भी शुरू कर दिया है. इसी तरह पेप्सिको की बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेजेस भी फुल कैपेसिटी कैपेसिटी में प्रोडक्शन कर रही है और काफी पहले से स्टॉक तैयार करना शुरू कर दिया है.