petrol pump पर तेल डलवाते समय इन बातों पर रखें नजर...
Haryana Update: क्या आप लोग जानते हैं कि इस परेशानी का सीधा कनेक्शन पेट्रोल पंप से हो सकता है। चौंक गए, लेकिन ये सच है। गाड़ी का माइलेज गिरने और कार की परफॉर्मेंस खराब होने के और कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसका एक मुख्य कारण गाड़ी में सही डेंसिटी वाला फ्यूल न होना है।
Fuel Purity को ऐसे करें चेक
पेट्रोल या फिर डीजल की शुद्धता का पता लगाने के लिए आप लोग बाजार में बिकने वाले फिल्टर पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिल्टर पेपर लेने के बाद आपको पेट्रोल या फिर डीजल की बस एक या दो बूंद ही इस पेपर पर डालनी है।
Fuel Density से इस बात का खुलासा होता है कि आखिर पेट्रोल और डीजल कितना खरा है। भारत सरकार ने फ्यूल की डेंसिटी के लिए एक रेंज तय की है, पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी इस रेंज के अंदर ही होनी चाहिए। अगर पेट्रोल या डीजल इस रेंज से कम या फिर ज्यादा है तो इसका मतलब यह है कि जो फ्यूल आप डलवा रहे हैं उसमें मिलावट है।
कितनी होनी चाहिए पेट्रोल की डेंसिटी?
कार (पेट्रोल), स्कूटर और बाइक में अगली बार जब भी पेट्रोल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप जाएं तो लीटर के साथ में लगे फ्यूल डेंसिटी मीटर पर भी ध्यान दें। सरकार ने पेट्रोल डेंसिटी की रेंज 720-775 Kg/m3 तय की हुई है, इसका मतलब कि आप जो पेट्रोल भरवा रहे हैं वो उस रेंज में ही होना चाहिए।
मिलावटी तेल से क्या है घाटा?