Haryana News : हरियाणा में बनी सरसों की नई किस्म, अब पहले से सस्ते दाम में मिलेगा तेल 

हरियाणा में सरसों की खेती की जाती है। प्रदेश में खेतों में कई प्रकार की सरसों उगाई जाती है। किसानों को अधिक से अधिक फायदा दिलाने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCHAU) हिसार में बीजों की नवीनतम किस्में बनाई जाती हैं।
 

CCHAU ने हाल ही में सरसों की उन्नत किस्म RH 1975 बनाई है। 2013 में तैयार किस्म RH- 749 से 12% अधिक उत्पादन मिलेगा।

किसानों को यह सरसों की किस्म बहुत फायदेमंद होगी। 
CCHAU के कुलपति प्रो. BR कंबोज ने बताया कि किसानों को नई विकसित सरसों की किस्म बहुत फायदेमंद होगी। उनका कहना था कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डॉ. डी. टी. आर. शर्मा की अध्यक्षता में जम्मू में 30वीं वार्षिक सरसों व राई कार्यशाला में एक कमेटी बनाई गई है। 1975 में, इस कमेटी ने सिंचित क्षेत्र में खेती के लिए एक उन्नत किस्म RH बनाई। Sarso की इस किस्म में 39.5 प्रतिशत तेल होगा।

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यह किस्म सिंचाई क्षेत्र के लिए विशेष रूप से विकसित की गई है और प्रति एकड़ 14–15 क्विंटल उत्पादन की क्षमता रखती है। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, जम्मू, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान के सिंचित इलाकों के लिए बनाई गई है। यह टीम हकृवि के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. राम अवतार, डॉ. विनोद गोयल, डॉ. राकेश पूनिया, डॉ. राजवीर सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. महावीर सिंह और डॉ. निशा कुमारी को इस उन्नत प्रजाति को बनाने में सहभागी है।


इस टीम को जम्मू में आयोजित कार्यशाला में सरसों के अनुसंधान क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ केंद्र पुरस्कार भी मिला। जानकारी के लिए बता दें कि इस टीम ने पिछले वर्ष सरसों की दो किस्मों, RH 1424 और RH 1706, बनाई थीं। इन किस्मो ने सरसों की खेती में भी बहुत लाभ दिया। 2018 में भी RH 725 बनाया गया था, जो आज सबसे लोकप्रिय है।