Old Jewellery Rate : ठगी होने से बचे, सोने के पुराने गहने बदलकर नया खरीदने जा रहे, पहले समझ लीजिए पूरा खेल
Haryana Update, Old Jewellery Rate : शादियों का सीजन चल रहा है और शादी चाहे अपने घर में हो या दूसरे के घर में हो। महिलाएं गहनों से नहीं सजें तो ऐसा नहीं हो सकता। साथ ही, हर बार नए डिजाइन के गहने पहनना चाहिए और अपने पुराने गहनों को बदलने से भी बचना चाहिए। भारत में भी पुराने गहनों को नए से बदलने का चलन सबसे अधिक है। लेकिन यहीं से सारा खेल भी शुरू होता है। पुराने गहने बदलने के लिए बहुत कुछ है, चाहे छोटे ज् वैलर हों या बड़े ब्रांडेड स्टोर। दरअसल, पुराने कपड़े को नए से बदलना सबसे कठिन काम है। आपके गहनों की सही कीमत अक्सर इस तरह नहीं मिलती। आज हम आपको बताएंगे कि ज् वैलर्स आपके पुराने गहनों पर दांव खेलते हैं और ग्राहक को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही, आपको क्या करना चाहिए ताकि आपके पुराने गहनों को हमेशा उचित कीमत मिल सके?
पुराने गहनों को नए से बदलना भी इतना आसान नहीं है। पुराने गहनों को दो स्टेप्स में हमेशा देखना चाहिए। पहले उसे कैरेट मीटर मशीन पर रखा जाता है, फिर उसे स्कैन किया जाता है। यह गहने की बाहरी परत को ही देख सकता है, लेकिन इससे उसमें कितने कैरेट का गोल्ड है पता चलता है।
उस गहने के छोटे से टुकडे़ को दूसरी प्रक्रिया में पिघलाकर देखा जाता है, जिससे गोल्ड की असली शुद्धता को देखा जा सके। यहीं से हर समस्या शुरू होती है। लाइव मिंट का कहना है कि पिघलाए गए सोने को जितनी बार स् कैन करके देखा जाता है, उतनी बार उसकी रीडिंग अलग होती है। यही कारण है कि ज् वैलर सबसे कम रीडिंग को मानकर सोने की कीमत लगाते हैं।
दरअसल, सोने की जांच करने के लिए प्रयोग की जाने वाली एक्स-रे फ्लोरेसेंस स् पेक् टोमीटर या कैरट मीटर मशीन को न तो सरकार खरीदती है और न ही कोई अथॉरिटी इसे उपलब्ध करती है। ऐसे में इस मशीन की विश्वसनीयता पर भी संदेह है। लगभग सभी ज् वैलर्स गहने को पिघलाकर उसकी शुद्धता को मापते हैं। भी बड़े ब्रांड वाले ग्राहक के पास बिल होने पर भी इस प्रक्रिया से उनके गहनों की शुद्धता निर्धारित की जाती है। कुछ ही ऐसे छोटे ज्वैलर्स होते हैं जो गहनों को बिना पिघलाए ही उसे बदलने पर राजी हो जाते हैं. हालांकि, ऐसे ज्वैलर्स आपके गहने की कीमत को 25 से 30 फीसदी घटा देते हैं, जो वेस्टेज चार्ज के रूप में जोड़ा जाता है. अलग-अलग ज्वैलर्स इन गहनों पर वेस्टेज चार्ज भी अलग लगाते हैं. इसकी रेंज 3 से 6 फीसदी तक हो सकती है. यह गहने में इस्तेमाल सोने की शुद्धता पर निर्भर करता है.
दिल्ली में नारंग लीजेसी ब्रांड से ज्वैलरी शॉप चलाने वाले उदित नारंग का कहना है कि गहनों में सोने की मात्रा को जांचने के लिए उसे पिघलाकर परखा जाता है. इसके लिए ज्यादातर ज्वैलर्स XRV टेस्टिंग प्योरिटी मशीन का इस्तेमाल करते हैं. अगर आपकी ज्वैलरी हॉलमार्क वाली है तो इसे पिघलाने की जरूरत नहीं पड़ती. हॉलमार्क वाली ज्वैलरी में सोने की शुद्धता लिखी होती है. लिहाजा इसे परखने की जरूरत नहीं पड़ती.
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