RBI का बड़ा ऐलान, लोन के नियम होंगे सख्त, जानें पूरी डिटेल
Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की रिजर्व बैंक ने हाल ही में लोन के नियमों को कठोर कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि हाल ही में असुरक्षित माने जाने वाले कुछ लोन के मानदंडों को कड़ा करना एक सोच-समझकर लिया गया लक्षित कदम है। इससे बैंकिंग प्रणाली को बेहतर बनाया जा सकता हैं।
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दास ने यह भी कहा कि हमारी बैंकिंग प्रणाली मजबूत है और इसमें चिंता का कोई कारण नहीं है। लेकिन उन्होंने बैंकों को अधिक सावधान रहने की सलाह दी और किसी भी तरह के जोखिम को तुरंत पता लगाने की सलाह दी हैं।
आरबीआई ने सोच-समझकर निर्णय लिया हैं
आरबीआई गवर्नर ने फिक्की उद्योग मंडल और भारतीय बैंक संघ (IBA) के संयुक्त रूप से आयोजित सालाना एफआई-बीएसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमने हाल ही में व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है। ये उपाय अच्छे हैं। ये उपाय लक्ष्य और विचार से किए गए हैं।
25 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं
पिछले सप्ताह आरबीआई ने असुरक्षित माने जाने वाले बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के व्यक्तिगत और क्रेडिट कार्ड कर्ज पर अपने नियमों को कड़ा कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार 25% बढ़ा हैं।
बैंकों को अधिक धन आवंटित करना होगा
व्यक्तिगत कर्ज के मामले में बैंकों को अधिक जोखिम भार का भुगतान करना होगा। इससे बैंक अधिक दबाव वाली परिस्थितियों में इससे निपटने में सक्षम होंगे। साथ ही, इस कदम से लोगों को व्यक्तिगत क्रेडिट कार्ड और कर्ज लेना महंगा होगा।
दास ने कहा कि छोटे कारोबारियों द्वारा लिए गए कर्जों को आरबीआई ने आवास और वाहन खरीद से अलग रखा है। इसका कारण यह है कि यह वृद्धि बनाए रखना है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इस खंड में कोई दबाव नहीं लगता।
NBFC का प्रदर्शन अच्छा हैं
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से जोखिम प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने और व्यापार चक्र के विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए अतिरिक्त उपाय करने को कहा। दास ने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी अब अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसे बनाए रखने के लिये ठोस प्रयासों की जरूरत हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में, बैंकों और एनबीएफसी को इस बात पर विचार करने और आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि जोखिम कहाँ से आ सकते हैं। उन्हें यह भी बताया कि बैंकों पर फिलहाल कोई नया दबाव नहीं दिख रहा है, लेकिन वे चाहते हैं कि बैंक सतर्क रहे और दबाव परीक्षण जारी रखें।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकों में जाकर निरीक्षण कर रहा हैं
दास ने कहा कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी ओर से बैंकों में जाकर निरीक्षण करता है और उन पर भी नजर रखता है। इसके अलावा दबाव परीक्षण, जोखिम आकलन, विषयगत अध्ययन जैसे प्रयास भी कर रहे हैं। यह केंद्रीय बैंक की सक्रियता की आगे बढ़कर निगरानी करने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों में से एक हैं।
उनका दावा था कि बैंक कर्ज में भारी वृद्धि की जानकारी दे रहे हैं। ऐसे में, कारोबार में किसी भी प्रकार के उत्साह से बचना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो ऋण दिए गए हैं, वे मानकीकृत और टिकाऊ रहेंगे।
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