RBI का बड़ा अपडेट: लोन EMI में होगा बदलाव, जानिए नया फैसला!
RBI ने लोन की ईएमआई पर नया फैसला सुनाया है, जिससे आपके लोन की किस्तों में बदलाव हो सकता है। अगर आपने लोन लिया है या लेने का सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। जानिए किस तरह का बदलाव होने वाला है और इसका आपके लोन की ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा। नीचे पूरी जानकारी देखें।
Haryana update : RBI की लगातार तीन दिनों की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया है। इस बार भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखा है, जिससे आपके लोन की ईएमआई पर असर पड़ता है। आइए जानें, इस फैसले से आपको कैसे प्रभावित हो सकता है।
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आपके लोन पर क्या असर पड़ेगा?
रेपो रेट का असर आपके लोन की ईएमआई पर सीधा होता है। जब रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंकों को अपनी ब्याज दरें बढ़ानी पड़ती हैं, जिससे आपकी लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है। वहीं, अगर रेपो रेट कम होती है, तो बैंकों के लिए लोन सस्ता हो जाता है और ईएमआई भी घट सकती है। इस बार आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाया नहीं है, इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा। अगर आप सस्ते लोन का इंतजार कर रहे थे, तो आपको अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
रेपो रेट क्या है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर बैंक अपनी जरूरतों के लिए आरबीआई से लोन लेते हैं। जब आरबीआई रेपो रेट को घटाता है, तो बैंकों के लिए लोन सस्ता हो जाता है, और इस वजह से वे ग्राहकों को सस्ते लोन देने में सक्षम होते हैं। इसके उलट, जब रेपो रेट बढ़ता है, तो बैंकों के लिए लोन महंगा हो जाता है, और इसका असर ग्राहकों के लोन की ब्याज दरों और ईएमआई पर भी पड़ता है।
मौजूदा ब्याज दरें
इस बैठक में छह में से पांच सदस्योंने ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर, MSF रेट और बैंक रेट 6.75 प्रतिशत पर और SDF रेट 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
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विशेषज्ञों की राय
गंगा रियल्टी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, विकास गर्ग ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का निर्णय महंगाई पर नियंत्रण रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए दरों में कमी से बेहतर होता। फिर भी, ब्याज दरों को स्थिर रखने से उधारकर्ताओं के लिए स्थिर ईएमआई बनी रहती है, जो लंबे समय तक फायदे का सौदा साबित हो सकती है।
इस प्रकार, आरबीआई के इस फैसले से बैंक लोन पर ईएमआई की स्थिरता बनी रहेगी, और आपको अभी किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हालांकि, भविष्य में आर्थिक स्थितियों के अनुसार, यह दरें फिर से बदल सकती हैं।