RBI ने नया लोन वालों की कर दी मौज, जानिए कैसे ?

आरबीआई ने हाल ही में एक नया अपडेट जारी किया है जिससे लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी है लोन लेने वालों को अब राहत मिलने वाली है जानिए कैसे
 

Haryana Update : देश भर के सभी banks से जुड़े नियम और कानून को लेकर बदलाव के कदम आरबीआई द्वारा ही उठाए जाते हैं। आपको बता दे की Loan से जुड़े अपडेट भी आरबीआई द्वारा ही जारी किए जाते हैं।

आज की इस खबर में सबसे पहले आपको प्रोसेसिंग Fees के बारे में बताते हैं। जब कोई व्यक्ति Loan लेने जाता है तो उससे जुड़े डॉक्युमेंट और कामों के लिए बैंक एक Fees वसूलता वाले का मूल्यांकन कई आधार पर किया जाता है। इसमें KYC वेरीफिकेशन, वित्तीय मूल्यांकन, नौकरी, घर और ऑफिस के पते का वेरीफिकेशन, Credit हिस्ट्री का मूल्यांकन शामिल होते है। इन सभी कामों में काफी खर्च आता है। इसीलिए बैंक आधा से एक फीसदी तक कुल Loan का प्रोसेसिंग Fees है। अब इस पर RBI एलान किया है।

प्रोसेसिंग Fees पर RBI का बड़ा एलान


कंज्यूमर Loan को लेकर RBI ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि Loan लेते समय दूसरी Fees Byaz में शामिल होनी चाहिए। दूसरी Fees की वजह से वास्तविक Byaz दर बढ़ जाती है। इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि RBI के फैसले से Loan में पारदर्शिता बढ़ेगी।


SBI के एमडी ने बताया कि इससे सुनने के बाद पहली प्रतिक्रिया के तौर पर यहीं कह सकता हूं कि अभी तक Byaz दरें और Fees को अलग अलग रखा जाता है और इसे Loan लेते समय ही वसूला जाता है। अगर अब इसे जोड़ा जाता है तो ग्राहक के लिए इसे कंपेयर करना आसान हो जाएगा। वो अन्य बैंक के साथ कंपेयर कर सकेगा।


  

RBI गवर्नर ने कहा


Loan पर बैंक 'HIDDEN COSTS' चार्ज नहीं लगाते। Loan पर banks के नियम बहुत पारदर्शी होते हैं। सभी रिटेल, MSME Loan के लिए आसान नियम पर फोकस करें।


बैंक चार्जेज की जानकारी टर्मशीट में होती है। सामान्य BORROWER सभी Rules को नहीं पढ़ पाता है। BORROWERS के लिए Byaz की जानकारी आसान होगी।

भारत का फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत स्थिति में है।

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Loan लेने से पहले कितने चार्जेस चुकाने होते है? 


एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कुछ चार्ज की रकम फिक्स होती है। जबकि अन्य चार्ज Home Loan रकम के % के रूप में चार्ज किये जाते हैं।


Home Loan देने के बाद अगर Loan लेने वाले को घर का कब्जा मिलने में देरी होती है और जब तक कि घर खरीदने वाले को घर का कब्जा नहीं मिल जाता है, तब तक बैंक प्री-EMI जैसा एक साधारण Byaz लेता है। फिर इसके बाद EMI पेमेंट शुरू होता है।


Loan देने वाली कंपनी या बैंक प्रोसेसिंग Fees के माध्यम से Credit अंडरराइटिंग प्रक्रिया से संबंधित सभी लागतों की वसूली करता है। कंपनी या बैंक प्रोसेसिंग Fees के रूप में एक समान चार्ज लेते हैं।आमतौर पर कुल Loan रकम के 2% तक का वेरिएबल प्रोसेसिंग Fees लिया जाता है।