Unseasonal Rains :  केंद्रीय मंत्री ने क‍िया यह ऐलान, बेमौसम बार‍िश के बीच सरकार ने क‍िसानों को दी खुशखबरी!

Haryana Update : बागवानी फसलों के मामले में स्थानीय ओलावृष्टि से केले और आलू जैसी कुछ फसलों पर असर पड़ सकता है
 

Haryana Update : कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, 'कुछ नुकसान हुआ है. हमें राज्य सरकारों से नुकसान की आकलन रिपोर्ट नहीं मिली है।' उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें राज्य आपदा राहत कोष (NDRF) के तहत धन का उपयोग कर रही हैं।

 उत्‍तर भारत के कई राज्‍यों में बेमौसम बरसात चल रही है। इससे गेहूं की फसल को नुकसान हो रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया क‍ि गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है।

 लेकिन अभी तक जमीनी हकीकत के बारे में राज्य सरकारों से रिपोर्ट नहीं मिली है। सरसों और चने की फसल की कोई चिंता नहीं है क्योंकि इसकी ज्यादातर फसल कट चुकी है।

कटाई देश के कुछ हिस्सों में शुरू हो गई
पिछले दो दिन से देश के कई हिस्सों में पश्‍च‍िमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्‍ट‍ि और तेज हवाएं चल रही हैं। गेहूं मुख्य रबी फसल है, जिसकी कटाई देश के कुछ हिस्सों में शुरू हो गई है।

 सरसों और चना अन्य प्रमुख रबी फसलें हैं। सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, 'कुछ नुकसान हुआ है। हमें राज्य सरकारों से नुकसान की आकलन रिपोर्ट नहीं मिली है।'

NDRF के तहत मुआवजा प्रदान करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें राज्य आपदा राहत कोष (NDRF) के तहत धन का उपयोग कर रही हैं. यदि राज्य सरकारें क्षति की सीमा का आकलन करने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) के तहत मुआवजा प्रदान करेगी।

 कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा कि पिछले दो दिन में पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश देखी गई है।

 कुछ हिस्सों में कम बारिश हुई है और इससे फसल को फायदा होगा। हालांकि, दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है।

चने की फसल की अध‍िकांश कटाई हो चुकी
उन्होंने कहा, 'नुकसान का आकलन राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है, जो अगले 2-3 दिन में रिपोर्ट पेश करेंगे।' सिंह ने कहा कि भले ही दो लाख हेक्टेयर गेहूं क्षेत्र में कुछ प्रतिशत का नुकसान होता है, लेकिन चालू वर्ष में 343.2 लाख हेक्टेयर के कुल गेहूं रकबे को देखते हुए इसका शायद ही कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

 सरसों और चने की फसल के मामले में इनमें से अधिकांश की कटाई हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में सरसों की कटाई अभी बाकी है। सिंह ने कहा कि स्थानीय ओलावृष्टि वाले क्षेत्रों में कुछ बागवानी फसलों के प्रभावित होने की संभावना है।


आईएमडी ने झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को कटाई स्थगित करने की सलाह दी है।

 असम के किसानों को फलों और सब्जियों की कटाई स्थगित करने और पहले से ही काटी गई उपज को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए कहा गया है। किसानों से कहा गया है कि वे सिक्किम में मक्का की बुवाई और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में जूट की बुवाई स्थगित करें।