Truck Driver Salary: इंजीनियरो से कम नही है ट्रक ड्राइवरों की सैलरी 

Haryana Update Truck Driver salary: ट्रक, ट्राला ड्राइवरों की सैलरी सुनकर आप चौंक जाएंगे. इनकी सैलरी इंजीनियरिंग करके नई नौकरी ज्‍वाइन करने वाले युवा की सेलरी के बराबर होती है. इसके बावजूद हम-आप अपने बच्‍चों को इस पेशे में भेजना नहीं चाहते हैं. भले ही वो डिलीवरी ब्‍वॉय बन जाए, यह मंजूर है. वजह जानें
 
 Haryana UpdateTruck Driver Salary: आप ट्रक, ट्राला और बड़ी-बड़ी मशीनों को ढोने वाले भारी वाहनों के चालकों की सेलरी सुनकर चौंक जाएंगे। इन्हें भी कमोबेश इंजीनियरिंग करके नई नौकरी मिलती है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में पर्याप्त ड्राइवरों की कमी है, इसलिए पर्याप्त अवसर हैं। हम इसके बावजूद आपको अपने बच्चों को इस पेशे में पढ़ाना नहीं चाहते। उन्हें डिलीवरी बॉय बनना भी मंजूर है। आखिर इसका कारण क्या है? डॉक्टर से पूछें कि इसके मूल कारण क्या हैं।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AMTC) के कोर कमेटी केअध्यक्ष बाल मलकित सिंह ने बताया कि ट्रक-बस ड्राइवरों की औसत मासिक सेलरी ३५००० से ४००० रुपये है। रास्ते का भोजन अलग-अलग होता है। इसके बावजूद लोग इस क्षेत्र में काम करना नहीं चाहते। लोग ड्राइवरी करने के बजाय 10,000-12,000 रुपये की नौकरी करना चाहते हैं। यदि ड्राइवर ट्राला या बड़ी-बड़ी मशीनों को ढोने वाले वाहनों को चलाते हैं, तो उनकी मासिक सेलरी 55,000 से 60,000 रुपये होती है। क्योंकि ट्रक या ट्राला चलाने वाले चालकों को नहीं चलाया जा सकता इन्हें चलाने वाले चालकों को अलग से ट्रेनिंग मिलती है। ड्राइवरों को वाहन निर्माता कंपनियां ट्रेनिंग देते हैं और सर्टिफिकेट देते हैं। इसके बाद ही भारी वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी। ये वाहन हर दिन 70-80 किमी की दूरी तय करते हैं।

AIMTC के अध्यक्ष अमृत लाल मदान ने बताया कि सड़कों पर ड्राइवरों का पूरा जीवन बीतता है, हालांकि किसी को भी काम करने के लिए अच्छा वातावरण चाहिए। रास्ते में कहीं रुकने के लिए रेस्तरां नहीं हैं। ड्राइवर ट्रकों पर ही सोते हैं, चाहे सर्दी हो या बरसात हो। माल लेकर शहर में आने वाले ट्रकों के चालकों के पास नहाने-धोने या नेचरकाल के लिए शौचालय नहीं हैं। ड्राइवर भटकता रहता है। जबकि ट्रक मालिक को 10 से 12 रुपये प्रति किमी टोल देना होता। 

इसके अलावा, स्थानीय पुलिस या ट्रांसपोर्ट अधिकारी किसी भी स्थान पर ट्रक रोक कर जांच करते हैं। जबकि वाहन और सारथी एप पर ट्रक की सभी जानकारी है, और हाइवें पर ट्रक पर लदे माल की जानकारी है। इसके बाद भी सभी डाक्युमेंटसऑनलाइन चेक किए जाते हैं। राजाओं के चेकपोस्ट पर 10 से 12 किमी. ट्रकों की लंबी लाइन जांच के लिए लगाई जाती है। ड्राइवरों दोनों समय और ईंधन बर्बाद करते हैं। इसलिए बहुत कम लोग इस पेशे में आना चाहते हैं।

आज देश में लगभग 25 लाख ड्राइवरों की कमी है। देश भर में लगभग 95 लाख ट्रक रजिस्ट्रड  हैं। लेकिन इन्हें चलाने वाले ड्राइवर लगभग 70 लाख हैं। इससे एक समय में सिर्फ 70 लाख ट्रक सड़कों पर चल सकते हैं।