Income Tax Returns 31 जुलाई से पहले फाइल करना क्यों हैं जरूरी, जानें पूरी डिटेल

Income Tax Returns:टैक्स एंड कंसल्टिंग फर्म एकेएम ग्लोबल के येशू सहगल ने कहा, अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो उसे रिटर्न दाखिल करना चाहिए।

 

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की निर्दिष्ट तिथि से पहले आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो करदाता को विलंब शुल्क और करों पर ब्याज के साथ कई समस्याएं हो सकती हैं। रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि प्रत्येक व्यक्ति, व्यवसाय या कंपनी के लिए अलग होती है। व्यक्तिगत करदाताओं को 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने का समय है। आयकर विभाग आवश्यकतानुसार अवधि बढ़ा देता है।

रिटर्न तिथि के भीतर आयकर रिटर्न (ITR) आपकी आय और करों का एक आधिकारिक रिकॉर्ड है। यह ऋण, वीजा और अन्य पैसे लेने में सहायक है। आप कर नियमों की परवाह करते हैं यदि आप निर्धारित समय के भीतर रिटर्न दाखिल करते हैं। यह आपके खिलाफ दंड और न्यायिक कार्रवाई का जोखिम कम करता है। ITR दाखिल करना कानूनी आवश्यकता है, लेकिन एक विकल्प नहीं है।

यदि आयकर विभाग द्वारा निर्धारित मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको आईटीआर दाखिल करना होगा। टैक्स एंड कंसल्टिंग फर्म एकेएम ग्लोबल के येशू सहगल ने कहा, "अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो उसे रिटर्न दाखिल करना चाहिए।" पुरानी कर व्यवस्था में छूट की मूल सीमा दो करोड़ पांच लाख रुपये है।

वरिष्ठ नागरिक भी रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
सहगल ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों (60-80 वर्ष) के लिए 3 लाख रुपये की न्यूनतम सीमा है। वरिष्ठ नागरिकों (80 साल से अधिक) के लिए 5 लाख रुपये की मूल सीमा है। नई कर व्यवस्था में छूट की पहली सीमा तीन लाख रुपये है। कंपनियों और साझेदारी फर्मों को भी आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा अगर वे नुकसान उठाते हैं।

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रिफंड नहीं होगा
यदि आपने किसी वित्तीय वर्ष के दौरान अधिक कर भुगतान किया है, तो आपको इसका भुगतान आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद ही दिया जाएगा। यदि आप समय सीमा के भीतर रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आप बाद के वर्षों तक अपने नुकसान को भुगतान कर सकते हैं। आपके भविष्य के जीन को इसमें बदल सकते हैं। वेतनभोगी व्यक्तियों और अन्य करदाताओं (जिनके लिए ऑडिट आवश्यक नहीं) के लिए रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल करने की अंतिम तिथि है।

विभिन्न करदाताओं और कंपनियों के पास आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अलग-अलग समय सीमा हैं। 31 अक्टूबर को आयकर रिटर्न भरने का अंतिम दिन है। हस्तांतरण मूल्य निर्धारण से जुड़े मामलों में आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है।

आप अपना रिटर्न 31 दिसंबर तक दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको जुर्माना देना होगा, साथ ही कर राशि पर ब्याज भी देना होगा। 5 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।