HIGH COURT:'आग लगाओ, ट्रेन जलाओ, गाड़ी फूँको' नहीं वसूला जाएगा कोई जुर्माना

Internet Desk: अफसरों की लापरवाही की वजह से राज्य मे कई सौ करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया। इसलिए नुकसान हुई संपत्ति का आंकलन कर उसकी भरपाई आंदोलनकारियों से की जाए।
 

Haryana Update: केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी (Agnipath Scheme) अग्निपथ स्कीम के विरोध में बिहार में हुई हिंसा एवं अरबों रुपए के नुकसान की वसूली दंगाइयों से नहीं की जाएगी।

 

 

(Patna High Court) पटना उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें सरकारी संपत्ति की हुई हानि की भरपाई दंगाइयों से करने की माँग की गई थी। याचिका में यह भी माँग की गई थी कि विद्यार्थियों को हिंसा एवं तोड़फोड़ के लिए भड़काने और अराजकता फैलाने के लिए सहायता करने वाले व्यक्तियों की भी जाँच कराई जाए। इसके साथ ही हिंसक आंदोलन को रोकने में असमर्थ अफसरों पर भी कार्रवाई की माँग की गई है।

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वही पटना उच्च न्यायालय के (Chief Justice Sanjay Karol) मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल एवं (Justice S Kumar) न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार (1 जुलाई 2022) को याचिका पर सुनवाई की। प्रदेश के (Advocate General Lalit Kishore) महाधिवक्ता ललित किशोर का तर्क सुनने के पश्चात् अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। किशोर ने तर्क दिया कि सरकार ने अराजक तत्वों पर कार्रवाई की तथा पर्याप्त पुलिस बल तैनात किए थे। याचिका में बताया गया था कि


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इसके साथ ही याचिका में यह भी बताया गया है कि जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा उन पर जुर्माना लगाई जाए। इसके साथ ही आंदोलन में हिस्सा लेने वाली सियासी पार्टियों पर भी जुर्माना लगाने की माँग की गई है। याचिका में बताया गया है कि इस हिंसक आंदोलन की वजह से न केवल रेलवे एवं अन्य सरकारी संपत्तियों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा भी संकट में पड़ गई।

याचिकाकर्ता का दावा है कि अकेले दानापुर रेलमंडल को 260 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। याचिका का विरोध करते हुए प्रदेश के महाधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि इस आंदोलन से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह मुस्तैद थी। उन्होंने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए गलत नीयत से जनहित याचिका दायर की गई है।

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित अग्निपथ स्कीम के विरोध में देश के अलग-अलग भागों में हिंसक प्रदर्शन हुए तथा ट्रेनों में लूटपाट एवं आग लगाई गई थी। यहाँ तक कि विद्यालय जाते बच्चों के वाहनों तक पर पथराव किया गया था। RJD एवं वामदलों ने प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया था। बता दे कि हिंसा और विरोध प्रदर्शन से सबसे ज्यादा बिहार प्रभावित रहा था।