जश हत्याकांड मे पहला आरोपी बाबा बोला: अब लोग मुझे बच्चे उठाने वाला कहेंगे, इन सबसे कैसे बाहर निकलूँ
बहुचर्चित जश हत्याकांड में सबसे पहला शक बाबा जमनादास पर गया था कि उसने ही जश को अगवा किया है, लेकिन पुलिस पूछताछ में शक गलत साबित हुआ और बाबा को छोड़ दिया गया. अब बाबा पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. जमनादास को रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं, इसलिए अब उसने अपना दर्द बयां किया है.
जमनादास इंद्री कस्बे की सलम बस्ती में रहता है. यहां पर जमनादास ने दो झोपड़ियां बनाई हुई हैं. पत्नी के अलावा घर में उनके 5 बच्चे भी रहते हैं. अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह दिहाड़ी मजदूरी करता है. जिस दिन मजदूरी नहीं मिलती तो मांगने चला जाता है. परिवार पालना है तो ऐसा ही करना पड़ेगा.
लेकिन पिछले 12 दिनों से न दिहाड़ी-मजदूरी की और न ही मांगने निकला. अपनी झोपड़ी में छिपा बैठा है. परिवार वालों के कहने पर एक ही बात बोलता है कि लोग कहेंगे वो देखो बच्चे उठाने वाला बाबा आ गया. ऐसे में घर से बाहर कैसे निकलूं. फिलहाल पड़ोसियों के दिए को खाकर उसके बच्चे गुजारा कर रहे हैं.
3 गांवों के लोग तो मारने पहुंचे थे
जमनादास बाबा ने बताया कि उस दिन मैं गांव में गया. आटा चावल मांगा और वहां से सीधे अपने घर चला आया. ग्रामीणों ने शक किया कि मेरे झोले में जश है, जबकि वह आटा चावल से वजनदार लग रहा था. मेरे घर पहुंचने के कुछ समय के बाद मुझे पुलिस उठाकर ले गई. मुझे वीडियो दिखाकर पूछा बताओ यह किसका है.
मैंने वीडियो देखा तो फोटो मेरा था. इतना ही नहीं पीछे से मेरे घर पर बीरबल, कमालपुरा और नगला गांव के लोग तो मारने के लिए ही आ चुके थे. उधर पुलिस ने शक में उठाकर मेरे हड्डी पसली एक की है. मेरी पत्नी को भी साथ में ही रखा. जब हम पुलिस के पास ही थे तो वहां पर सूचना आई कि बच्चा मिल गया.
तब हमें पुलिस वालों ने बताया कि बाबा बच्चा मिल गया और तू बच गया. अभी नहीं तो और रिमांड लिया जाता. मैंने गलत नहीं किया था, तभी छूट गया. तब से मैं तो बाहर ही नहीं निकला. मैं तो बहुत ही गरीब आदमी हूं. मेरे को खाने के भी लाले पड़े हैं. उस बच्चे के बारे में सुनकर मेरे को भी रोना आया है.
अब घर पर ही छिपा बैठा हूं
जमनादास की पत्नी ने बताया कि घर में कमाने वाला उसका पति ही है. घर का सारा सामान तोड़ गए. पुलिस हम दोनों को ले गई. मार पीट कर छोड़ दिया. घर से बाहर नहीं निकल रहा है. बच्चे भूखे मर रहे हैं. पड़ाेसी आकर रोटी देते हैं. बहुत ही दुख हुआ. अब इसको कमाने के लिए कहते हैं तो बोलता है कि एक तो शरीर दुख रहा है और दूसरा बोलता है कि लोग कहेंगे वो देखो बच्चे उठाने वाला बाबा आ गया. बस झोपड़ी में पड़ा है. घर का गुजारा मुश्किल हो गया है.
बाबा ऐसे गलत काम नहीं करते
जमनादास की बहन ने बताया कि जिसने बच्चे को मारा है, उसको जान से मारा जाना चाहिए. घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं. बाबा को मारा क्यों. बाबा कोई ऐसे काम करते हैं. बाबा कोई चोर हैं. बाबा के पास आटा चावल था. गांव के लोगों ने बाबा पर बच्चा उठाने का आरोप लगा दिया. बाबा तो मांग-तांग कर गुजारा करते हैं. बाबा कभी ऐसा नहीं करते.