रक्षा मंत्रालय का किडनैप क्लर्क रेवाड़ी से बरामद, 5 दिनों में खाते से 21 लाख की ट्रांजैक्शन
हरियाणा के रेवाड़ी जिले से 5 दिन पहले किडनैप हुए रक्षा मंत्रालय के क्लर्क को सकुशल पुलिस ने औद्योगिक कस्बा धारूहेड़ा से बरामद कर लिया है.
खास बात यह है कि किडनैपिंग के दौरान ही उसके खाते से 21 लाख रुपए की ट्रांजेक्शन हुई. हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया कि नकदी उसके खाते में कहां से आई और किसके खाते में ट्रांसफर की गई?.
क्लर्क ने अपहरण करने वाले 3 लोग बताए हैं, लेकिन वह उन्हें पहचानता नहीं है. रामपुरा पुलिस के अलावा SIT मामले की छानबीन में जुटी है. पहली नजर में केस हनीट्रैप का लग रहा है. क्लर्क ने पुलिस को अपनी किडनैपिंग की पूरी कहानी बता दी है.
क्लर्क की जुबानी, किडनैपिंग की पूरी कहानी
क्लर्क ने पुलिस को शुरूआती पूछताछ में बताया कि ड्यूटी पर जाने के लिए वह 30 सितंबर को बस में चढ़ा था, लेकिन रेवाड़ी शहर में दिल्ली रोड स्थित पुलिस लाइन के पास बस से उतर गया.
यहां से एक लिंक रास्ते पर गया तो एक गाड़ी खड़ी मिली, जिसमें 3 लोग सवार थे. उन्होंने सुभाष से कुछ मिनट बात की और फिर उन्हें जबरन कार में डालकर किसी अज्ञात जगह पर ले गए.
वहां उसे बंधक बनाकर रखा गया. क्लर्क ने बताया कि रविवार रात उसकी निगरानी के लिए 2 लोग छोड़े गए थे.
इस बीच एक शख्स लघुशंका के लिए चला गया तो दूसरा किसी और काम में लग गया. मौका पाकर वह पीछे से भाग निकला. रात का समय होने के कारण वह छिप गया.
सुबह होते ही वह KMP के रास्ते पैदल ही पंचगांव होते हुए धारूहेड़ा पहुंच गया. यहां से उसे अलवर के गांव शीथल में रहने वाली अपनी बहन के घर जाना था.
क्लर्क ने बताया कि अपहरण करने वाले शख्स उस पर पैसों के लिए लगातार दबाव डाल रहे थे, लेकिन वह अपहरण करने वाले लोगों को नहीं जानता.
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3 दिन में 21 लाख की ट्रांजेक्शन
सोमवार सुबह SIT गठित होते ही पुलिस ने सबसे पहले क्लर्क के मोबाइल की CDR और बैंक खाते की जांच की, जिसे देखकर पुलिस चौंक गई, क्योंकि उसके खाते से 3 दिन में 21 लाख रुपए की ट्रांजैक्शन हुई थी, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि यह रकम कहां से आई और किसके पास गई.
क्लर्क सुभाष के बरामद होने के बाद अब पुलिस खाते से हुई ट्रांजेक्शन की जानकारी जुटाने में जुटी है. हालांकि सुभाष घबराया हुआ होने के कारण ज्यादा कुछ नहीं बता पाया है.
वहीं दूसरी तरफ खाते से हुई ट्रांजेक्शन से एक बात साफ हो गई कि मामला हनीट्रैप का है, लेकिन जांच जारी है.
ऐसे हुई किडनैपिंग: बस स्टैंड पर स्कूटी खड़ी कर निकले, फिर पता नहीं चला
बता दें कि रेवाड़ी के गांव धामलावास निवासी सुभाष चंद दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय में कार्यरत है. 5 दिन पहले 30 सितंबर को वह घर से ड्यूटी जाने के लिए निकले थे. गांव के बस स्टैंड पर स्कूटी खड़ी करके वह बस में सवार हुए.
इसके बाद न तो घर लौटे और न ही दिल्ली ड्यूटी पर पहुंचे. परिजनों ने उनकी तलाश की तो स्कूटी मिल गई. स्कूटी में एक डायरी मिली थी, जिसमें उसने एक शख्स का नाम लिखते हुए खुद को हनीट्रैप में फंसाने का जिक्र किया था. साथ ही रक्षा मंत्रालय से संबंधित अहम जानकारी मांगे जाने का दबाव बनाने की बात भी लिखी थी.
गृह मंत्रालय एक्टिव हुआ तो SIT बना पुलिस ने तलाश शुरू की थी
शनिवार को मामला उस वक्त सुर्खियों में आया, जब परिजन उसकी बरामदगी को लेकर SP राजेश कुमार से मिलने पहुंचे. रामपुरा थाना पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन सुराग नहीं लगा. इस बीच रविवार को मामला गृह मंत्रालय के पास भी पहुंच गया.
गृह मंत्रालय की एक टीम भी रेवाड़ी मामले की जांच करने पहुंची थी. सोमवार को SP राजेश कुमार ने DSP सिटी सुभाष चंद के नेतृत्व में SIT गठित कर दी.
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देर शाम पुलिस को पता चला कि क्लर्क सुभाष चंद धारूहेड़ा में है और टीम ने उन्हें सर्विस रोड पर पैदल जाते हुए पकड़ लिया.
जल्द करेंगे पूरे मामले का खुलासा: SHO
रामपुरा थाना प्रभारी शिवचरण ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता क्लर्क सुभाष चंद को सुरक्षित बरामद करना था. सुभाष ने ज्यादा कुछ नहीं बताया है, सिर्फ इतना ही कहा कि उसका अज्ञात लोगों ने अपहरण किया था. खाते से 21 लाख रुपए की ट्रांजैक्शन से संबंधित भी जानकारी जुटाई जा रही है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.