Ankita Bhandari Murder Case: SIT जांच में खुलासा, जानिए कैसे अंकिता को चीला नहर में दिया गया धक्का

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। कड़ी दर कड़ी रहस्यों की स्थिति स्पष्ट हो रही है।
 

Haryana Update. इस प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी की प्रभारी डीआइजी पी. रेणुका देवी ने बताया, इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की जांच में यह बात सामने आई है कि अंकिता को कुनाऊ पुलिया से चीला नहर में धक्का दिया गया था।

 

 

अंकिता का शव चीला बैराज में 24 सितंबर को मिला था। अंकिता भंडारी का मोबाइल अब तक एसआइटी को नहीं मिला है। सर्विलांस के जरिये उसकी तलाश की जा रही है।

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आरोपियों ने कबूला आरोप


डीआइजी पी. रेणुका देवी ने बताया कि पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर (यमकेश्वर) गांव स्थित वनन्तरा रिजार्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर को चीला नहर में जिंदा फेंककर की गई थी।

इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों रिजार्ट स्वामी पुलकित आर्या और उसके प्रबंधक सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता ने खुद यह बात पुलिस के समक्ष पूछताछ में स्वीकार की थी।

इसकी पुष्टि के लिए शुक्रवार को आरोपितों को तीन दिन की रिमांड पर लिया गया था।

क्राइम सीन दोहराया गया


रिमांड के दौरान तीनों आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ करने के साथ ही क्राइम सीन दोहराया। आरोपितों को रिजार्ट से चीला नहर में उस स्थान तक ले जाया गया, जहां उन्होंने अंकिता को नहर में धक्का देना स्वीकार किया था।

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1000 से अधिक मोबाइल नंबरों की हो रही जांच


अंकिता हत्याकांड में उन वीआइपी मेहमानों की तलाश तेज हो गई है, जिन्हें रिजार्ट मालिक आरोपित पुलकित अतिरिक्त सेवा देने का दबाव अंकिता पर बना रहा था।

सर्विलांस टीमों को 1000 से अधिक नंबरों की लंबी सूची  मिल गई है। यह वह नंबर हैं जोकि 17 व 18 सितंबर को वनन्तरा रिजार्ट के आसपास इस्तेमाल हुए और इसी दिन वीआइपी सर्विस देने की बात की जा रही थी।

दूसरी ओर घटना वाले दिन रिजार्ट और घटनास्थल चीला नहर के आसपास कितने मोबाइल नंबर एक्टिव थे, इसका डाटा एकत्र कर सर्विलांस टीम के एक्सपर्ट ने संबंधित मोबाइल कंपनियों को भेजा है।

इस दौरान कितने मोबाइल नंबर आवाजाही में चंद समय के लिए एक्टिव थे, इसकी अलग से सूची तैयार की जा रही है।


पुलकित के मोबाईल की हो रही तलाशी


जानकारी के मुताबिक, एम्स ऋषिकेश और बैराज के मध्य स्थित जितने भी मोबाइल टावर हैं उनके जरिये सर्विलांस एक्सपर्ट यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि 18 सितंबर को घटना के रोज कितने मोबाइल नंबर इस क्षेत्र में एक्टिव थे। वहीं, अभी तक पुलकित का एक मोबाइल एसटीएफ को मिला है।

जबकि रिजार्ट कर्मचारियों की माने तो उसके पास तीन मोबाइल रहते थे। अब उसके दो और मोबाइल को ढूंढ निकालना भी जरूरी हो गया है।

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