Amit Shah: 'मैंने पीएम मोदी के दर्द को नजदीक से देखा
Amit Shah: 'I saw PM Modi's pain closely
Haryana Update: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में 2002 में गुजरात दंगे को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और बयान दिया. अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी पर सारे आरोप गलत पाए गए हैं. ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. पीएम मोदी चुपचाप सारे आरोपों को सहते रहे. मोदी ने कई सालों तक आरोपों को बर्दाश्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी पर लगे सारे आरोपों को खारिज कर दिया है. दंगे के दौरान सेना को बुलाने में कोई देरी नहीं की गई थी.
Union Home Minister Amit Shah broke his silence on the 2002 Gujarat riots and made a statement in an interview to news agency ANI on Saturday. Amit Shah said that all the allegations against PM Modi have been found to be false. These allegations are politically motivated. PM Modi silently tolerated all the allegations. Modi tolerated the allegations for many years. The Supreme Court has rejected all the allegations against PM Modi. There was no delay in calling the army during the riots.
पुलिस-प्रशासन के प्रभावी पर कार्रवाई ना कर पाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि राजनीति से प्रेरित पत्रकारों और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने आरोपों को प्रचारित किया. उनके पास एक मजबूत तंत्र था, इसलिए हर कोई झूठ को सच मानने लगा था. अमित शाह ने राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस के विरोध पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि मोदीजी ने एसआईटी के सामने पेश होते समय ड्रामा नहीं किया. मेरे समर्थन में सामने आओ, विधायकों-सांसदों को बुलाओ और धरना करो. उन्होंने कहा कि अगर एसआईटी सीएम (मोदी) से सवाल करना चाहती है तो वह खुद सहयोग करने के लिए तैयार हैं. विरोध क्यों?
On the question of police-administration not being able to act effectively, Amit Shah said that politically motivated journalists and some NGOs publicized the allegations. He had a strong system, so everyone started accepting lies as truth. Amit Shah took a jibe at Congress's opposition to ED's questioning of Rahul Gandhi. He said that Modiji did not do drama while appearing before the SIT. Come out in support of me, call MLAs-MPs and hold a dharna.He said that if the SIT wants to question the CM (Modi), he himself is ready to cooperate. Why protest?
मोदी ने 18-19 साल तक 'विषपान' की तरह दर्द को झेला
अमित शाह ने कहा कि एक बड़े नेता ने 18-19 साल की इस लंबी लड़ाई को बिना एक शब्द कहे और भगवान शंकर के 'विषपान' की तरह सभी दर्द को झेला. मैंने उन्हें बहुत करीब से पीड़ित देखा. केवल एक मजबूत इरादों वाला व्यक्ति ही कुछ न कहने का स्टैंड ले सकता था, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन था.
Modi endured pain like 'venom' for 18-19 years
Amit Shah said that a big leader took this long battle of 18-19 years without saying a word and suffered all the pain like 'Vishpan' of Lord Shankar. I saw them suffering very closely. Only a strong willed person could take the stand of saying nothing, as the matter was sub judice.
कोर्ट ने भी सरकार की सराहना की
शाह ने कहा कि जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई. जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उस दिन दोपहर में ही हमने सेना बुला ली थी. सेना को पहुंचने में कुछ समय लगता है. एक दिन की भी देरी नहीं हुई थी. कोर्ट ने भी इसकी सराहना की.
गृह मंत्री ने कहा कि सब कुछ (स्थिति को नियंत्रित करने के लिए) किया गया था. नियंत्रित करने में समय लगता है. गिल साहब (पूर्व पंजाब डीजीपी, दिवंगत केपीएस गिल) ने कहा था कि उन्होंने अपने जीवन में इससे अधिक तटस्थ और त्वरित कार्रवाई कभी नहीं देखी. फिर भी उनके खिलाफ भी आरोप लगाए गए.
अमित शाह ने कहा कि दंगों का मूल कारण गोधरा ट्रेन का जलना था. 16 दिन के बच्चे समेत 59 लोगों को आग के हवाले किया गया. पहले से कोई पेशेवर इनपुट नहीं था कि इस तरह की उग्र प्रतिक्रियाएं होंगी. कोई परेड (गोधरा ट्रेन जलने के पीड़ितों के शव) नहीं की गई थी, यह गलत है. उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया और परिवारों द्वारा बंद एम्बुलेंस में शवों को उनके घरों में ले जाया गया.
The court also appreciated the government
Shah said that as far as the Gujarat government is concerned, we are not late. The day the Gujarat bandh was called, we had called the army in the afternoon itself. It takes some time for the army to reach. There was not even a single day's delay. The court also appreciated this.
The Home Minister said that everything was done (to control the situation). It takes time to control. Gill sahab (former Punjab DGP, late KPS Gill) had said that he had never seen a more neutral and quick action in his life. Yet charges were leveled against him as well.
Amit Shah said that the root cause of the riots was the burning of the Godhra train. 59 people, including a 16-day-old child, were set on fire. There was no professional input beforehand that there would be such furious reactions. No parade (bodies of Godhra train burning victims) was held, this is wrong. They were taken to the civil hospital and the bodies were taken to their homes in closed ambulances by the families.
राजनीति से प्रेरित था स्टिंग ऑपरेशन
उन्होंने कहा कि लोगों (अधिकारी-प्रशासन) ने अच्छा काम किया है. लेकिन घटना (गोधरा ट्रेन जलने) से गुस्सा था और किसी को भनक तक नहीं लगी. न पुलिस को, न किसी और को. यह किसी के हाथ में नहीं था. कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि ट्रेन (गोधरा) जलाने के बाद हुए दंगे पूर्व नियोजित नहीं थे, बल्कि स्व-प्रेरित थे. इसने तहलका के स्टिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया. जब इसके पहले और बाद के फुटेज सामने आए तो पता चला कि स्टिंग ऑपरेशन राजनीति से प्रेरित था.
Sting operation was politically motivated
He said that the people (officers-administration) have done a good job. But there was anger over the incident (Godhra train burning) and no one even noticed. Neither the police, nor anyone else. It was not in anyone's hands. The court in its judgment today said that the riots after the burning of the train (Godhra) were not pre-planned, but self-motivated. It rejected Tehelka's sting operation. When the before and after footage surfaced, it was found that the sting operation was politically motivated.
अमित शाह ने कहा कि आज SC ने कहा कि जकिया जाफरी ने किसी और के इशारे पर काम किया. एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं चला. सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था. जब यूपीए सरकार उस समय सत्ता में आई तो उसने एनजीओ की मदद की. मैंने फैसला (24 जून) जल्दबाजी में पढ़ा, लेकिन इसमें स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है. उसका एक एनजीओ था जिसने सभी पुलिस थानों में भाजपा कार्यकर्ताओं से जुड़े ऐसे आवेदन दिए थे. मीडिया द्वारा इतना दबाव था कि सभी आवेदनों को सच मान लिया गया.
Amit Shah said that today the SC said that Zakia Jafri acted at the behest of someone else. The NGO signed the affidavits of many victims and they did not even know about it. Everyone knows that Teesta Setalvad's NGO was doing this. When the UPA government came to power at that time, it helped the NGOs. I read the verdict (June 24) hastily, but it clearly mentions Teesta Setalvad's name.He had an NGO which had given such applications related to BJP workers in all police stations. There was so much pressure by the media that all the applications were accepted as true.
आरोप लगाने वालों को माफी मांगना चाहिए
उन्होंने कहा कि मोदीजी ने एक मिसाल पेश की. उन्होंने बताया कि संविधान का सम्मान कैसे किया जा सकता है. उनसे पूछताछ की गई लेकिन किसी ने धरना नहीं दिया और कार्यकर्ता उनके साथ एकजुटता के साथ खड़े नहीं हुए. अगर आरोप लगाने वालों में अंतरात्मा है तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
The accusers should apologise
He said that Modiji has set an example. He told how the constitution can be respected. They were interrogated but no one staged a dharna and the workers did not stand in solidarity with them. If the accusers have conscience, they should apologise.