LAC पर भारत और साउथ चाइना सी में ताइवान से निपटने के लिए चीन की नई चाल, बना रहा है ये प्लान 

China's new move to deal with Taiwan in India and South China Sea on LAC, is making this plan
 

Haryana Update. China Fighter Plan: ताइवान (Taiwan) को लेकर अमेरिका (America) से चल रही तनातनी के चलते चीन (China) को लड़ाकू विमानों और फाइटर पायलट (Fighter Pilot) की कमी खल रही है।

 

यही वजह है कि चीन ने अपने लड़ाकू विमानों (Fighter Planes) के उत्पादन को तो तेज कर ही दिया है साथ ही साथ अब फाइटर पायलट की ट्रेनिंग तीन साल में ही पूरा करके उन्हें जंग के मैदान में झोंकने के लिए तैयार है।

 

एलएसी पर भारत और साउथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर में ताइवान के साथ एक साथ टू फ्रंट वॉर के लिये चीन पीएलए-वायुसेना को मजबूत कर रहा है। इसके लिए उसने एक नया प्लान तैयार किया है। जानकारी के मुताबिक, चीन हर साल 100 से ज्यादा जे-20 और एफसी-31 लड़ाकू विमानों का उत्पादन करने की तैयारी कर रहा है।

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जे20 चीन का फिफ्थ जेनरेशन यानि पांचवी पीढ़ी का स्वदेशी फाइटर जेट है तो एफसी-31 नेवल फाइटर जेट है जो चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात रहता है।

फाइटर जेट्स का रिकॉर्ड उत्पादन

रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले साल फाइटर जेट बनाने वाली दोनों चीनी कंपनियों शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन और चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रियल ग्रुप ने रिकॉर्ड तादाद में उत्पादन किया। शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन जे-15 फाइटर जेट बनाती है जिसे एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट किया जाता है वहीं चेंगदू में जे-10 फाइटर जेट के अलावा चीन का सबसे आधुनिक जे-20 स्टेल्थ फाइटर जेट बनता है।

चीन अपने एयरक्राफ्ट कैरियर और एक्सपोर्ट करने के लिये एफसी-31 और जे-31 जैसे लाइट फाइटर एयरक्राफ्ट भी बेहद तेज़ी से विकसित कर रहा है।

कोरोना पीरीयड में भी चीन सैन्य तैयारी में जुटा

पश्चिमी मीडिया के मुताबिक, अब तक चीन की पीएलए-वायुसेना में 100 से ज्यादा जे-20 शामिल हो चुके हैं। ऐसे में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2025 तक चीन के पास करीब 500 जे-20 लड़ाकू विमान हो सकते हैं। खास बात ये है कि जब पूरी दुनिया चीन की कोरोना वायरस से जूझ रही थी तब चीन अपनी सैन्य तैयारियों में जुटा था।

साफ है कि चीन पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत से और ताइवान को लेकर अमेरिका से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर रहा था।

चीनी वायुसेना इतनी ताकतवर

अमेरिकी रक्षा विभाग (मंत्रालय) यानि पेंटागन की रिपोर्ट की मानें तो चीनी वायुसेना के पास इस वक्त 2800 से ज्यादा एयरक्राफ्ट हैं जिनमें 2250 लड़ाकू विमान हैं। इसके अलावा चीनी एविएशन फोर्स के पास टैक्टिकल बॉम्बर, स्ट्रेटेजिक बॉम्बर और मल्टी-मिशन टैक्टिकल एयरक्राफ्ट भी हैं।

हालांकि चीन के पास इस वक्त 800 के करीब फोर्थ जेनरेशन फाइटर जेट हैं लेकिन जे-20 का आंकड़ा ठीक ठीक पता नहीं है। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो 2025 तक 500 फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट हो सकते हैं।

चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी एविएसन फोर्स

पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की वायुसेना इस वक्त इंडो-पैसिफिक रीजन यानि क्षेत्र में सबसे बड़ी और दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी एविएशन फोर्स है। पीएलए एयरफोर्स में फाइटर एयरक्राफ्ट के अलावा एस-300 जैसी एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली, रडार सिस्टम , इलेक्ट्रॉनिक काउंट- मेजर और कम्युनिकेशन सेंटर शामिल हैं।

रिपोर्ट्स की माने तो फाइटर जेट की संख्या में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी के साथ साथ चीन ने अब अपने पायलट्स के लिए खास तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर दिया है।

नए पायलट रिक्रूटमेंट एंड ट्रेनिंग प्लान के तहत अब एक फाइटर पायलट यानि लड़ाकू विमान उड़ाने वाला पायलट तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि अभी तक 4-6 साल का समय लगता था।

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चीन का पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम

चीन के सरकारी मीडिया की ही मानें तो पीएलए-एयरफोर्स के पायलट्स को ट्रेनिंग देने वाली शिजियाझुआंग फ्लाइट एकेडमी को 2020 में चौथी पीढ़ी के फ़ाइटर जेट जे-10 दिए गए थे।

पुराने पायलट ट्रेनिंग प्लान में ट्रेनिंग 4 से 6 साल का समय लगता था लेकिन अकादमी को जे-10 मिलने के बाद अब पायलट्स पहले से आधे समय में ट्रेंड हो जाएंगे। ये एकेडमी वायुसेना के अलावा कैरियर बेस्ड फाइटर के लिये पायलट को ट्रेंड करता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले बैच में 41 फीसदी पायलट कैरियर बेस्ड यानी एयरक्रफ्ट कैरियर से फ्लाइंग के लिए ट्रेंड किए गए हैं।

जानकारों की मानें तो चीन का ये नया पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम दुनिया का सबसे तेज प्रोग्राम है। दरअसल, चीनी वायुसेना अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे ताकतवर एयर फोर्स बनने का सपना देख रही है और उसी के चलते अपनी ताकत में जबरदस्त इजाफा कर रही है। चीनी नौसेना युद्धपोत के मामले में पहले से ही अमेरिकी नौसेना से आगे निकल चुकी है।

3 साल में बनकर तैयार हो जाएगा फाइटर पायलट

रिपोर्ट्स की मानें तो फाइटर जेट (Fighter Jet) की संख्या में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी के साथ-साथ चीन (China) ने अब अपने पायलट्स (Pilots) के लिए खास तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम (Training Programme) शुरू कर दिया है।

नए पायलट रिक्रूटमेंट एंड ट्रेनिंग प्लान के तहत अब एक फाइटर पायलट (Fighter Pilot) यानी लड़ाकू विमान उड़ाने वाला पायलट तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि अभी तक 4-6 साल का समय लगता था।

चीन हर साल फिफ्थ जेनरेशन के 125 विमानों के उत्पादन करने का प्लान बना रहा है। इसके साथ ही साल 2025 तक चीन के पास 500 जे-20 और एफसी-31 हो सकते हैं।