Defence News: चीन पर है पैनी नजर, Drone विकसित कर रहा HAL
Haryana Update: Defence एचएएल तैयार कर रहा इन खूबियों से लैस ड्रोन. अब hindustan aeronautics limited हिंदु्स्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) चीन की इन हरकतों से निपटने का स्थायी समाधान लाने जा रही है. HAL artificial intelligence-powered एचएएल कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित बहु भूमिका वाला उन्नत heron drone ड्रोन विकसित करने पर काम कर रहा है, जो लंबे समय तक संचालन में सक्षम होगा.
Drones will be used for strategic missions
न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट में रविवार को सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस hal branches in india ड्रोन का उपयोग चीन के साथ लगती सीमाओं सहित अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रणनीतिक अभियानों के लिए किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस rotary-wing drone में मिसाइल और सेंसर सहित 40Kg भार ले जाने की क्षमता होगी और इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे पहाड़ी क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता के मद्देनजर विकसित किया जा रहा है.
Know its features
hindustan aeronautics limited is private or government एचएएल ने अगले साल के मध्य तक मानव रहित विमान (UAV) की पहली परीक्षण-उड़ान आयोजित करने का लक्ष्य रखा है और परियोजना के पहले चरण में 60 ऐसे hal ruav drone ड्रोन का उत्पादन करने की योजना है. उन्होंने कहा कि लंबे समय चलने में सक्षम ड्रोन कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस होंगे और सशस्त्र बल आवश्यक आपूर्ति के परिवहन सहित अन्य उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग कर पाएंगे. एक सूत्र ने कहा कि ड्रोन को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि यह सेंसर, मिसाइल और कई अन्य हथियारों सहित महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों को ले जा सकता है.
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Heron drone capable of operating for about 45 hours
एचएएल एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत Israeli Heron TP Drone के उत्पादन की संभावना भी तलाश रहा है, जिसमें hindustan aeronautics limited headquarters ड्रोन निर्माता कंपनी का सहयोग लिया जाएगा. सूत्र ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य हमारे सशस्त्र बलों के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति की आवश्यकता को संबोधित करना है. मध्यम ऊंचाई वाले drones hal हेरॉन ड्रोन 35,000 फुट की ऊंचाई पर लगभग 45 घंटे तक संचालन करने में सक्षम हैं.
एचएएल, Defense Research and Development Organization (DRDO) के साथ दो अलग-अलग ड्रोन परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है. सेना अगले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में hal swarm drone ड्रोन हासिल करने की योजना बना रही है ताकि उनकी निगरानी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके, विशेष रूप से LAC and Indian Ocean Region में चीनी गतिविधियों की निगरानी के मद्देनजर इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है.
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