Independence day:भारत की बेटी ने स्वतंत्रता दिवस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को वापस लाने की  कि अपील

अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने अपने पिता सुभाष चंद्र के अवशेषों को वापस लाने की अपील करते हुए कहा है कि उन्हें विश्वास है कि टोक्यो (जापान की राजधानी) के रेंकोजी मंदिर में उनके पिता के अवशेष मौजूद हैं.(Anita Bose Pfaff)
 

Haryana update:

भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose)की बेटी ने अपने पिता के अवशेषों को भारत वापस लाने का आह्वान किया है.

 

 

 

 

also read this news:

जर्मनी में रहने वाली 79 साल की फाफ ने कहा कि वह जापानी की राजधानी टोक्यो में स्थित मंदिर से अपने पिता के संरक्षित अवशेषों से DNA निकालने की मंजूरी देने के लिए तैयार हैं. अनीता ने बोस के अवशेषों को हड्डियों और दांतों सहित राख के रूप में वर्णित किया है.

Anitaने एक बयान में कहा, ‘ऐसा मानना है कि दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी हफ्तों में नेताजी बोस की मृत्यु फॉर्मोसा में एक विमान दुर्घटना में हुई थी.’ उन्होंने कहा, ‘मॉडर्न टेक्नोलॉजी के जरिए अब बेहतर ढंग से डीएनए टेस्टिंग की जा सकती है. बचे हुए हिस्सों से डीएनए के लिए samples निकाले जा सकते हैं. जिन लोगों को अभी भी संदेह है कि नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को नहीं हुई थी. उन लोगों के लिए लिए टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखे गए उनके अवशेष वैज्ञानिक सबूत हासिल करने का अवसर हैं.


‘आजादी से ज्यादा जरूरी उनके लिए कुछ भी नहीं था('Nothing was more important to them than freedom')
उन्होंने कहा, ‘रेंकोजी मंदिर के पुजारी और जापान की सरकार ने इस तरह के टेस्ट के लिए अपनी सहमति जताई थी.’ अनीता ने कहा, ‘तो चलिए उन्हें घर लाने की तैयारी करते हैं. नेताजी के जीवन में भारत की आजादी से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं था. ब्रिटिश शासन से मुक्त भारत में रहने की उनकी इच्छा थी. हालांकि वह स्वतंत्रता के आनंद का अनुभव नहीं कर सके. इसलिए अब समय आ गया है कि उनके अवशेष कम से कम भारत की स्वतंत्र धरती पर लौट सकें.

also read this news: 


अवशेष रेंकोजी मंदिर में मौजूद!(Relics present in Renkoji Temple!)
अनीता ने कहा, ‘ब्रिटिश शासन से लोहा लेने के लिए इंडियन नेशनल आर्मी का गठन करने वाले नेताजी की किस्मत भारत के इतिहास में एक रहस्य है.’ नेताजी की इकलौती बेटी बोस फाफ ने तर्क दिया कि उनके पिता की मृत्यु काफी पहले हो गई थी. उन्होंने कहा कि उनके अवशेष रेंकोजी मंदिर में मौजूद हैं. हालांकि, नेताजी के भारत में रहने वाले कई रिश्तेदारों का कहना है कि बोस 18 अगस्त 1945 को फॉर्मोसा (ताइवान) में हुए एक जापानी सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त में बच गए थे. उन्होंने कहा कि सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि वह ताइवान से आखिर कहां चले गए?