Prime Minister Narendra Modi: लाल किले से PM मोदी ने दिया अब तक का सबसे बडा भाषण
Haryana Update: इस दौरान उन्होंने दुनियाभर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के "Amrit Mahotsav" अमृत महोत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, लेकिन दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाला विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। Our Tiranga is waving with pride
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश के समक्ष खड़ी दो बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां है। पहली चुनौती – भ्रष्टाचार, दूसरी चुनौती – भाई-भतीजावाद, परिवारवाद।
In his address, the Prime Minister mentioned two big challenges before the country. “There are two big challenges before the country. First challenge – corruption, second challenge – nepotism, familism.
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भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है। उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।
जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। ’
उन्होंने कहा, ‘देश का हर नागरिक बदलाव देखना चाहता है, लेकिन उसे इंतजार नहीं चाहिए। अपनी ही आंखों के सामने देश का नागरिक सपनों को पूरा होते देखना चाहता है। कुछ लोगों को इसके कारण संकट हो सकता है।
लेकिन जब आकांक्षी समाज होता है तो सरकारों को भी तलवार की धार पर चलना पड़ता है। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार हो। सभी को इस समाज की चिंता करनी होगी। उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम इंतजार नहीं कर सकते। ’
पीएम ने अपने इस स्वतंत्रता दिवस भाषण में महिलाओं पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘देश में हर हाल में नारी का सम्मान जरूरी है। ’ लाल किले की प्राचीर से अपनी सबसे बड़ी पीड़ा बताते हुए उन्होंने कहा, ‘नारी का अपमान बंद हो। देश में हर हाल में नारी का सम्मान जरूरी है। नारी का अपमान किया जाना ठीक नहीं है। क्योंकि देश के विकास के लिए नारी का सम्मान बहुत जरूरी है। ’
पीएम मोदी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ अब जय अनुसंधान का मंत्र दिया।
उन्होंने कहा, ‘जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी।लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान है। ’
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया।
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उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे अनगिनत हमारे क्रांति वीरों का कृतज्ञ है, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी। आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है। ’ ये देश का सौभाग्य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं। उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरु हो, स्वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरूष हिंदुस्तान के हर कोने में भारत की चेतना को जगाते रहे। ’
पीएम ने कहा, ‘कल यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हमने भारी मन से उन लोगों को याद किया, जिन्होंने विभाजन के दौरान तिरंगे के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। साल 2014 में इस देश की जनता ने मुझे जिम्मेदारी दी थी।
I was the first person born after independence, who got a chance to address the people from the Red Fort,
पीएम ने कहा, ‘आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। ’ उन्होंने कहा, ‘अमृत काल का पहला प्रभात आकांक्षी समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है।
A tricolor flag has shown
आत्मनिर्भर भारत पर बोलते हुए पीएम ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है। 5 साल के बच्चे ने भी विदेशी खिलौने से नहीं खेलने का संकल्प लिया। आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे।
आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है। 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है। ’
उन्होंने कहा, ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं।
वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है। ये "Mother of Democracy" मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। ’ हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था, जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला। ’
PM Modi gave five big resolutions
उन्होंने कहा, ‘अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्राण है। किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो, तो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना। तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए।
The fourth life is
Unity and solidarity the fifth life
नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है। राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है। ’
पीएम ने कहा, ‘आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे।
आज़ादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा। "PM Modi said" ’ पीएम ने कहा, ‘जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है। सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं। ’
He said, 'We see Shiva in the soul as well. We are those people who see Narayan in man.
हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं। हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। ये हमारा सामर्थ्य है। जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी। ’पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए।
जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे। तभी तो ऊंचा उड़ेंगे। जब हम ऊंचा उड़ेंगे। तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे।
When we will connect with our earth. Only then will you fly high. When we fly high Only then will we be able to give a solution to the world.