जवान कें शरीर को तिरंगे में लिपटा देखकर रोने लगे मां-बहन,शहीद के पिता ने दी मुखाग्नि

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए हांसी के निशांत मलिक का शनिवार को उनके पैतृक गांव ढंढेरी में अंतिम संस्कार किया गया.
 
 

Haryana update:शहीद जवान को उनके पिता जयवीर ने मुखाग्नि दी. इससे पहले शहीद जवान की हांसी के आदर्श नगर से गांव तक अंतिम यात्रा निकाली गई.

 

 

 

 

 

 

 


 
अंतिम यात्रा में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और निशांत अमर रहे के नारे लगाए. निशांत मलिक का शनिवार सुबह पार्थिव शरीर उनके घर आदर्श नगर में पहुंचा. जैसे ही तिरंगे में लिपटे शहीद का पार्थिव शरीर घर में पहुंचा तो मां-बहन उससे लिपट कर रोने लगे. यह दृश्य देखकर सभी लोगों की आंखें नम हो गई.

 

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शहीद निशांत मलिक (Martyr Nishant Malik)का पार्थिव शरीर आज सुबह 9 बजे दिल्ली से उसके हांसी आवास पर पहुंचा और परिजनों व रिश्तेदारों द्वारा श्रृद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत करीब 10 बजे शहीद निशांत मलिक की अंतिम यात्रा शुरू की गई. शहीद की अंतिम यात्रा के लिए हिसार कैंट से आई गाड़ी को फूलों से सजाया गया और गाड़ी में शहीद के पिता जयबीर सिंह अपने हाथ में तिरंगा लिए हुए खड़े थे.


 


शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों ने रास्ते में फूल बरसाए और भारत माता की जय के नारे लगाए. शहर से 5 किलोमीटर दूर गांव तक पहुंचने के लिए शहीद की अंतिम यात्रा को करीब 3 घंटे लग गए. गांव के राजकीय स्कूल में भी शहीद निशांत मलिक के शव को ग्रामीणों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया.

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पूरा गांव अपने सपूत के दर्शन के लिए पहले से पलकें बिछाए बैठे थे और हर कोई नम आंखों से अपने शहीद की बहादुरी पर नाज करते हुए निशांत मलिक अमर रहे के नारे लगा रहा था.


 


लोग हाथों में तिरंगा लेकर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे. निशांत मलिक के पैतृक गांव ढंढेरी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.