Pakistan Breaking News : EC ऑफिस पर की फायरिंग, पूर्व PM को अयोग्य ठहराने पर बवाल

पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान के खिलाफ फैसला सुनाया. इमरान जब प्रधानमंत्री थे तब विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी. Former Pakistan Prime Minister Imran Khan पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया.

 

Islamabad big Breaking News : पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI नेता इमरान खान को 5 साल के लिए अयोग्‍य घोषित कर संसद की सदस्यता रद्द कर दी है. इस फैसले के बाद इमरान अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

इस फैसले के खिलाफ इमरान समर्थकों ने चुनाव आयोग (EC) के ऑफिस के बाहर जमकर हंगामा किया. इमरान समर्थकों ने यहां तैनात जवानों के साथ पहले हाथापाई की, फिर हवाई फायरिंग भी की. घटना में अब तक कुछ लोगों के घायल होने की खबर है. कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
"विदेशी तोहफे बेचने का आरोप"
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त(EC office firing) सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान के खिलाफ यह फैसला सुनाया. इमरान जब प्रधानमंत्री थे तब विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की थी. इमरान(Former Pakistan Prime Minister Imran Khan) पर आरोप था कि उन्होंने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया.


आखिर क्या है तोशाखाना केस
चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था. कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था. इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था. इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपए मिले थे.

इमरान ने किस नियम का उल्लंघन किया?

पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक- पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है. इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है. अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है.

10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है. अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है. अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है.

इमरान(Former Pakistan Prime Minister Imran Khan)सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी PTI चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध करेगी. और इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी. पाकिस्तान में तोशाखाना 1974 में बना था. यह ऐसा विभाग है जिसमें प्रधानमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स और राष्ट्रपति को देश-विदेशों से मिले तोहफे रखे जाते हैं.