Odisha मे पहली बार एक पिछड़े कस्बे मे वायुसेना ने दिया Mig 23 लड़ाकू विमान, बड़ी संख्या मे लोग देखने पहुँच रहे
यह मिग 23 (Mig 23) एयरक्राफ्ट ट्रेनर कम फाइटर एयरक्राफ्ट है जो मिग 27 फाइटर एयरक्राफ्ट का ट्रेनर वर्जन है। यह शुरुआत में भारत में 1980-81 में आया था और इसने भारतीय वायु सेना को अपने गौरवशाली 40 वर्ष दिये और कारगिल (kargil) और ऑपरेशन विजय (operation vijay) आदि जैसे अपने कार्यकाल में सभी युद्धों में भाग लिया। अपनी शानदार उड़ान के बाद यह 2019 में सेवानिवृत्त हो गया। अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए और भारतीय वायुसेना (indian airforce) के बारे में लोगों को बताने के लिए अलग-अलग जगहों जैसे पार्क, विश्वविद्यालयों, विजय स्थल, स्कूल आदि जगहों मे रख दिये गए।
Odisha के kyonjhar मे स्थापित किया गया Mig 23 Aircraft
पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पिछड़े हुए इलाके मे इसे रखा जा रहा है। जी हाँ, ओडिशा (odisha) ग्राम पंचायत क्योंझर (Keonjhar) (ओडिशा) में यह पहली बार है कि यह विमान स्थापित होने जा रहा है। 18 इंजीनियरों की टीम ने 3 सप्ताह की मेहनत के बाद इसे जोड़ा है और सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल के पास परिसर मे इसे रखा गया है। बड़ी संख्या मे लोग इसे देखने पहुँच रहे है।
यह केवल प्रदर्शन के उद्देश्य से है और इस क्षेत्र के लोगों को वायु सेना के बारे में बताने के लिए है। दरअसल एक व्यक्ति जो भारतीय वायुसेना मे नौकरी करता है, उसे पता चला कि 2016 मे सेंटर केंद्र सरकार (central government) रिटायर हुए लड़ाकू विमानों को प्रदर्शनी के लिए दे रही है। तब उसने गाँव के सरपंच के साथ बात की। 2017 मे भारतीय वायुसेना को एक चिट्ठी सरपंच के द्वारा लिखी गयी जिसमे भारतीय वायुसेना को गाँव मे एक रिटायर लड़ाकू विमान Mig 21 प्रदर्शनी के लिए देने का अनुरोध किया गया।
लेकिन उस समय ये काम नहीं हुआ। फिर 2019 मे भारतीय वायुसेना ने एक Mig 23 लड़ाकू जहाज गाँव मे प्रदर्शनी के लिए दिये जाने का फैसला किया। लेकिन कोरोना की वजह से ये कार्य रोक दिया गया। लेकिन लंबे समय के बाद इसे आखिरकार गाँव मे स्थापित कर दिया गया।
मिग 23 (Mig23) लड़ाकू विमान की खासियत क्या है?
ये एक ट्रेनर कम लड़ाकू एयरक्राफ्ट है। मिकोयान-गुरेविच (mikoyan gurevich) मिग-23 का उत्पादन 1970 में शुरू हुआ और 5,000 से ज्यादा विमानों के निर्माण के साथ बड़ी संख्या में इसका उत्पादन किया गया।सोवियत संघ में मिकोयान-गुरेविच डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है।यह सोवियत संघ द्वारा नीचे-देखने/शूट-डाउन रडार डिजाइन करने का पहला प्रयास था। और पहला दृश्य रेंज मिसाइलों के साथ हथियारों से लैस होने वाला विमान भी।
ये एक बार मे 1150 किलोमीटर तक जाकर दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता रखता था। ये एक पायलट द्वारा संचालित लड़ाकू विमान था। जिसकी लंबाई लगभग 16 मीटर और ऊंचाई लगभग 5 मीटर थी। इसका खाली वजन 10 हजार किलोग्राम था और ये 14,700 किलोग्राम का हथियार अपने साथ ले जा सकता था। ये लड़ाकू विमान 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता था। ये विमान 600 किलोमीटर के दायरे मे किसी भी दुश्मन को तबाह कर सकता था। इसमे Tumansky R-35-300 afterburn turbojet इंजिन लगा था जो 83.6 किलोन्यूटन था और आफ्टरबर्नर के साथ थ्रस्ट 127 किलोन्यूटन पैदा करता था।