Phone बना खतरा! Online Study के बाद बच्चों से छुट नही रही मोबाइल की आदत

स्कूलों में Offline Classes शुरू होने के बावजूद भी बच्चों की Phone की लत नहीं छूट रही. इसको लेकर अभिभावक परेशान हैं. बच्चों को मोबाइल फोन से कैसे दूर रखा जाये, ज्यादातर माता-पिता इसका हल ढूंढने में जुटे हैं. 
 

धौलपुर. कोरोना काल में Online Study के कारण बच्चों ने मोबाइल का खूब उपयोग किया. इस वजह से पढ़ाई के अलावा बच्चों में मोबाइल देखने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. हालात पहले जैसे होने पर स्कूलों में Offline Classes शुरू हो गई हैं, तब भी बच्चों की मोबाइल लत नहीं छूट रही. इसको लेकर अभिभावक परेशान हैं. बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखा जाये, ज्यादातर माता-पिता इसका हल ढूंढने में जुटे हैं. Online Study के कारण राजस्थान के धौलपुर शहर में करीब 70 प्रतिशत बच्चों के पास खुद का मोबाइल है. स्कूल खुलने के बाद माता-पिता अब उनसे मोबाइल वापस मांग रहे हैं तो बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं.

 

इस पर डॉक्टरों का क्या कहना


नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताया कि मोबाइल फोन से निकलने वाली किरणों से कई बच्चों को नई बीमारी हो रही है. मोबाइल की लत इतनी बढ़ गई है कि यदि किसी बच्चे के हाथ से मोबाइल छीन लिया जाता है तो वो आक्रामक तक हो जाते हैं.


Phone से हो रहा नुकसान


SmartPhone से निकलने वाली नीली रोशनी से न सिर्फ सोने में दिक्कत आती है, बल्कि बार-बार नींद टूटती है. इसके ज्यादा प्रयोग से रेटिना को नुकसान होने का खतरा रहता है. Phone से चिपके रहने से दिनचर्या अनियमित रहती है. इससे मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है.


आप यह मत करना 


कई बार देखा गया है कि कई माता-पिता मोबाइल पर या किसी कार्य में व्यस्त रहते हैं तो बच्चा उन्हें डिस्टर्ब नहीं करे, इसलिए वो खुद ही उन्हें मोबाइल दे देते हैं. कोई बच्चा रोता है तो उसे चुप कराने के लिए मोबाइल देते हैं. उनके साथ कोई नहीं खेलता, ऐसे में बचपन मोबाइल के दुष्प्रभावों में फंस गया है. बच्चे पढ़ाई में मोबाइल, लैपटॉप का उपयोग कर रहे हैं. कई बच्चे दिनभर मोबाइल पर लगे रहते हैं. इससे आंखों में जहां ड्राइनेस की शिकायत बढ़ रही है. वहीं, आंखों में धुंधलापन और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है.