Chinook Helicopter-इंजन में आग की घटना के बाद US आर्मी ने 400 चिनूक हेलीकॉप्टर पर लगाई रोक
Haryana Update: Chinook Rescue Operation: भारत में चिनूक रेस्क्यू ऑपरेशन के तौर पर काफी सफल हेलीकॉप्टर माना जाता है। लेकिन अमेरिका की इस कार्रवाई ने इसपर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
काफी सफल हेलीकॉप्टर माना जाता है-Considered quite a successful helicopter
विमान निर्माता कंपनी बोइंग (aircraft manufacturer Boeing) भारी-भरकम चिनूक हेलीकॉप्टर बनाती है। वर्ष 2015 में भारत ने अमेरिका से 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदा रखा है। भारतीय वायुसेना का यह काफी सफल हेलीकॉप्टर माना जाता है। पहाड़ हो या मैदानी इलाका, हर जगह बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) में इसका उपयोग किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से चिनूक के इंजन में आग लगने की कुछ घटनाओं के बाद अमेरिका ने इसके खिलाफ सख्त रूख अपनाया है।
भारतीय वायुसेना- Indian Airforce
इस पर भारतीय वायुसेना का कहना है कि भारत ने कंपनी से इन कारणों का विवरण मांगा है, जिसके कारण अमेरिकी सेना ने चिनूक हेलीकॉप्टरों के पूरे बेड़े पर अस्थायी रोक लगा दी है। हालांकि भारत में अभी तक चिनूक को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। अभी भी यह ऑपरेशनल है।
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अमेरिकी सेना की प्रवक्ता का बयान-US military spokesperson
चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल आपदा राहत कार्यों और मेडिकल इमरजेंसी में होता है। इटली, दक्षिण कोरिया और कनाडा सहित अंतर्राष्ट्रीय रक्षा बलों द्वारा किया जाता है। सेना में अस्थायी रोक पर अमेरिकी सेना की प्रवक्ता सिंथिया ओ स्मिथ ने कहा कि चिनूक हेलीकॉप्टर के इंजन में आग लगने की वजह का पता चल गया है। ईंधन में रिसाव के कारण ऐसा हो रहा है। जब तक इस समस्या को खत्म नहीं कर लिया जाता, तब तक कुछ कदम उठाए जा रहे हैं।
हालांकि अमेरिकी सेना का यह भी कहना है कि समय रहते समस्या का पता लगा लिया गया है। इस वजह से अभी तक किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। अभी तक इसपर बोइंग कंपनी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है।
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चिनूक ने बनाया था रिकॉर्ड-Chinook made a record
बता दें कि इस साल अप्रैल महीने में भारतीय वायुसेना में शामिल चिनूक हेलीकॉप्टर ने असंभव जैसा काम किया था। इसके अपनी क्षमता को साबित करते हुए चंडीगढ़ से असम के जोरहट तक की नान स्टॉफ उड़ान भरी थी। चिनूक ने लगातार साढ़े सात घंटे तक उड़ान भरी थी। इस दौरान 1910 किलोमीटर का सफर भी तय किया था। यह देश में किसी भी हेलीकॉप्टर द्वारा नॉन स्टाप तय की सबसे अधिक दूरी की उड़ान थी।