US Share Market: अमेरिका के शेयर बाजार मे मची अफरा तफरी, Dow Jones 3 प्रतिशत लुढ़का, ये है वजह

US Share Market: अमेरिकी शेयर बाजार (US Share Market) में गिरावट देखने को मिली है। दरअसल, इसके पीछे अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के प्रमुख जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) का बयान माना जा रहा है।
 

Share Market: अमेरिकी शेयर बाजार (US Share Market) में गिरावट देखने को मिली है। दरअसल, इसके पीछे अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के प्रमुख जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) का बयान माना जा रहा है। पॉवेल ने कड़े मौद्रिक रुख को आगे भी जारी रखने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। मुद्रास्फीति के लगातार ऊंचे स्तर पर रहने से परेशान अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US central bank Federal Reserve) के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने अपना कड़ा मौद्रिक रुख आगे भी जारी रखने की बात कही। जेरोम पॉवेल के बयान के बाद Dow Jones में तीन फीसदी की ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। Dow Jones में 1008.38 अंक (3.03%) की गिरावट देखी गई और 32,283.40 पर बंद हुआ। इसके अलावा Nasdaq भी लुढ़का। Nasdaq में 5.12 अंक (2.74%) की गिरावट हुई और यह 182.07 USD पर बंद हुआ।

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बढ़ोतरी का रुख
चार दशकों में सबसे ऊंची मुद्रास्फीति से गुजर रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) को राहत देने के लिए फेडरल रिजर्व ने पिछले कुछ महीनों से नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। पॉवेल ने जैक्सन होल में आयोजित फेडरल रिजर्व की सालाना आर्थिक संगोष्ठि को संबोधित करते हुए कहा, "फेडरल का कर्ज को लेकर सख्त रुख जारी रहने से परिवारों एवं कारोबारों को काफी तकलीफ होगी। कर्ज की दरें महंगी होने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होगी और नौकरियों के जाने का भी खतरा होगा।" 

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नरमी आने की उम्मीद

उन्होंने कहा, "मुद्रास्फीति को नीचे लाने की यह दुर्भाग्यपूर्ण लागत है। लेकिन कीमतों में स्थिरता लाने में नाकाम रहना कहीं ज्यादा दर्दनाक होगा।" निवेशकों ने पिछले कुछ दिनों से फेडरल रिजर्व के रुख में नरमी आने की उम्मीद लगाई हुई थी लेकिन पॉवेल के इस संबोधन ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। 

ब्याज दरों में कमी करने का वक्त नहीं
उन्होंने ऐसे संकेत दिए हैं कि ब्याज दरों में कमी करने का वक्त अभी नहीं आया है। फेडरल रिजर्व ने पिछले दो बार 0.75-0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी नीतिगत दर में की है। यह 1980 के दशक के बाद फेडरल रिजर्व की सर्वाधिक तीव्र वृद्धि रही है।