हिंदी दिवस: आज के दिन दूर करें दुविधा, जानें क्या है हमारी राष्ट्रभाषा, राजभाषा या मातृभाषा
भारत विविधताओं से भरा एक देश है। यहां कई धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं। इनमें से हर एक की बोली अलग-अलग है, लेकिन इन सबमें हिंदी देश के सबसे अधिक राज्यों में बोली जाने वाली भाषा है।
Haryana Update. हालांकि हिंदी भाषा को मिले दर्जे को लेकर कई अलग-अलग तर्क है। कोई कहता है कि यह हमारी राष्ट्रभाषा है, किसी के मुताबिक यह हमारी राजभाषा है, तो किसी के लिए यह हमारी मातृभाषा है।
आज 14 सितंबर के दिन पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Divas) मनाई जा रही है। ऐसे में आइए हम इस दुविधा को दूर करते हैं कि आखिर हिंदी क्या है, राष्ट्रभाषा, राजभाषा या मातृभाषा?
क्या हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है?
देश में हिंदी का भले ही कितना बोलबाला हो, लेकिन यह हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। इसे हम देश का आफिशियल लैंग्वेज (Official Language) नहीं बोल सकते हैं। हालांकि, देश में इसे बोलने वालों की संख्या अधिक है और इसके लगभग हर कोने में हिंदी बोलने वाला या समझने वाला कोई न कोई जरूर मिल जाता है।
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हिंदी को कब मिला राजभाषा का दर्जा?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सन् 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से इसे राजभाषा का दर्जा देने को लेकर सहमति जताई। 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया गया।
देश के संविधान के अनुच्छेद 343 से लेकर 351 राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने गृह मंत्रालय के तहत राजभाषा विभाग का भी गठन किया है।इसके बाद 1960 में राष्ट्रपति के आदेश से आयोग की स्थापना की गई 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित हुआ और 1968 में राजभाषा संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ। हालांकि, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को ही मनाया गया।
क्या है राष्ट्रभाषा, राजभाषा और मातृभाषा में अंतर?
राष्ट्रभाषा वह भाषा है जिसका किसी देश में सबसे अधिक प्रयोग होता है। यह देश की आधिकारिक भाषा होती है और देश का प्रतिनिधित्व करती है। जैसे डेनमार्क की राष्ट्रभाषा डैनिश है, ब्रिटेन की राष्ट्रभाषा अंग्रेजी है।
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अब बात करते हैं राजभाषा की, तो जिस भाषा का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों और सरकारी कामकाज में होता है उसे राजभाषा कहते हैं जैसे हिंदी हमारी राजभाषा है। यहां अधिकतर दफ्तर वगैरह या सरकारी काम हिंदी में ही होते हैं।
मातृभाषा से तात्पर्य हम जहां पैदा होते हैं, वहां की बोली से है। जैसे अगर कोई बंगाल में पैदा हुआ है तो उसकी मातृभाषा बंगला है, कोई अगर तमिलनाड़ु से है तो तमिल उसकी मातृभाषा है।
भारत के अलावा और कहां बोली जाती है हिंदी?
भारत के बाहर पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में हिंदी बोलने का चलन है।