Haryana. किताबों की दुकान पर सीएम फ्लाइंग और NCERT की रेड, देखिये क्या है मामला

Haryanaudpate News.दुकानों पर सीएम फ्लाइंग ने रेड की सूचना के बाद शहर के पुस्तक विक्रेताओं में हड़कंप मच गया और आनन फानन में कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर करके मौके से रफुचक्कर हो गए

 

हरियाणा के विभिन्न शहरों में एनसीईआरटी की नकली किताबों का जखीरा बरामद होने के बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने मंगलवार को एनसीईआरटी दिल्ली के अधिकारियों के साथ हांसी में दो किताबों की दुकान पर रेड की. सीएम फ्लाइंग व एनसीईआरटी की टीम ने लाल सड़क के नजदीक मुलतान किताब घर और बड़सी गेट के बाहर मित्तल बुक डिपो पर दबिश देकर एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित विभिन्न कक्षाओं की 4 दर्जन किताबों के सैंपल लिए. एनसीईआरटी के अधिकारियों द्वारा सैंपल के तौर पर कब्जे में ली गई किताबों को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा. और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं किताबों की दुकानों पर सीएम फ्लाइंग ने रेड की सूचना के बाद शहर के पुस्तक विक्रेताओं में हड़कंप मच गया और आनन फानन में कई दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर करके मौके से रफुचक्कर हो गए. दिल्ली से आए एनसीईआरटी के बिजनेस मैनेजर युके जैन ने बताया कि हिसार सीएम फ्लाइंग की टीम को हांसी में एनसीईआरटी की नकली किताबों की बिक्री किए जाने की शिकायत आई थी. शिकायत के आधार पर सीएम फ्लाइंग टीम के साथ मिलकर लाल सड़क स्थित मुलतान किताब घर से 37 व बड़सी गेट बाहर स्थित मितल बुक डिपो से विभिन्न कक्षाओं की 11 किताबों के सैंपल लिए है. सैंपल के लिए ली गई सभी किताबों को जांच के लिए एनसीईआरटी की लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
एनसीईआरटी अधिकारियों से जब पुस्तक विक्रेताओं के यहां कोई और लापरवाही मिलने के बारे में पुछा गया तो उन्होंने बताया कि लोकल पुस्तक विक्रेताओं द्वारा किताबों की वाइंडिंग की गई है जो कि गैर कानूनी है. कोई भी पुस्तक विक्रेता एनसीईआरटी की किताब को वाइंडिंग करवा कर नहीं बेच सकता है. इस अवसर पर सीएम फ्लांईग हिसार से सब इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह व अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

बिना वाइंडिंग के बच्चे नहीं लेते किताबें:

मित्तल किताबों पर वाइंडिंग करवाए जाने को लेकर जब मितल बुक डिपो के संचालक सुरेन्द्र मितल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें मजबूरन किताबों की वाइंडिंग करवानी पड़ती है क्योंकि बिना वाइंडिंग की किताबों को बच्चे खरीदते नहीं. वहीं स्कूल संचालकों का भी निर्देश रहता है कि बच्चों को किताबें वाइंडिंग करवाकर ही दी जाएं. क्योंकि बिना वाइंडिंग के किताबें जल्दी फट व बिखर जाती हैं.