GK: क्या आप जानते हैं आंखों के रंग का राज, क्यों होती है किसी की Black तो किसी की Blue या Brown?

Haryana Update: आंखें हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, इनसे हम न केवल इस खूबसूरत दुनिया को देखते हैं, बल्कि ये हमारी खूबसूरती को भी बयां करती हैं
 

General Knowledge: ज्यादातर लोगों की आंखों का रंग तो काला होता है, लेकिन कुछ लोगों की आंखों का रंग अलग-अलग होता है, जैसे नीला, हरा या भूरा. क्‍या कभी आपने ये सोचा है कि आंखों का रंग काला, नीला या भूरा क्यों होता है, इसके पीछे क्या वजह होती होगी? आज हम बताएंगे कि कैसे किसी की आंखों का रंग डिसाइड किया जाता है.
आमतौर पर हम किसी से मिलते हैं तो उसकी आंखों की चंचलता या उनका ठहराव आदि देखकर सामने वाले के स्‍वभाव का अंदाजा लगा लेते है, लेकिन आंखों का रंग प्रकृति के हाथ में होता है. आइए जानते हैं कैसे...

ये हैं कारण

वहीं, अगर मेलानिन की मात्रा बहुत ज्यादा होने पर किसी की आंखों का रंग भूरा या काला हो जाता है. आंखों का रंग चयन करने के अलावा स्किन और बालों का रंग निर्धारित करने में भी मेलानिन अहम भूमिका निभाता है.

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हालांकि, आंखों के अलग-अलग रंग के लिए प्रोटीन का घनत्व और जीन्‍स भी जिम्‍मेदार होते हैं. क्रोमोसोम 15 में OCA2 और HERC2 को भी आंखों का रंग तय करने के लिए जिम्‍मेदार माना जाता है.

मेलानिन की मात्रा

दरअसल, आंखों की पुतली के रंग क्या है, यह तय करने में मेलानिन की मात्रा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सभी की बॉडी में इसकी अलग-अलग मात्रा और अनुपात होता है. आपको बता दें कि मेलानिन एक पिगमेंट होता है.

अगर बॉडी में इस पिगमेंट की पर्याप्त मात्रा न हो तो आंखों का रंग नीला दिखाई देता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक किसी बच्चे जन्‍म के बाद शुरुआती समय में उसकी आंखों का रंग बदलने की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती है. 

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