IAS Success Story: बेटे को माँ ने भैंस-बकरी बेचकर पढ़ाया, कठिन परिश्रम से बेटा बन गया IAS अफसर
IAS Vishal Kumar: विशाल ने इसके बावजूद अपने पिता की इच्छा पूरी की. 2011 में विशाल ने मैट्रिक की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया. उसके बाद, उन्होंने IIT कानपुर में एडमिशन लिया.
IAS Vishal Kumar UPSC Rank: यूपीएससी प्रीलिम्स 2023 मई में होने वाला है. कई कैंडिडेट्स तैयारी के लिए अपना 100 परसेंट दे रहे हैं. कैंडिडेट्स अक्सर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की उपलब्धियों से मोटिवेशन लेते हैं. जब लाखों लोग यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहे हैं, तो ऐसी ही एक कहानी सामने आई है.
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी आईएएस विशाल कुमार की. आईएएस विशाल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 484-एआईआर पाने में सफल रहे.
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Who is IAS Vishal Kumar?
विशाल कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर क्षेत्र के एक छोटे से गांव के मूल निवासी हैं. 2008 में उनके दिहाड़ी मजदूर पिता के निधन के बाद विशाल की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई. उनकी मां रीना देवी ने गुज़ारा करने के लिए बकरियां और भैंस पालना शुरू किया. विशाल के पिता बिकाऊ प्रसाद अपने बेटे को आश्वस्त किया करते थे कि शिक्षा उसे एक मजबूत इंसान बनने में मदद करेगी.
विशाल ने इसके बावजूद अपने पिता की इच्छा पूरी की. 2011 में विशाल ने मैट्रिक की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया. उसके बाद, उन्होंने IIT कानपुर में एडमिशन लिया. विशाल ने कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद रिलायंस में नौकरी प्राप्त की.
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विशाल के शिक्षक गौरी शंकर ने दावा किया कि आईएएस विशाल ने छोटी उम्र से ही कक्षा में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन एक बार जब उनके पिता का निधन हो गया, तो उन्होंने कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी और आखिरकार इस मुकाम को हासिल किया.
IAS Vishal Kumar gives his success credit to his teacher
विशाल अपनी सफलता का पूरा क्रेडिट अपने परिवार और अपने शिक्षक गौरी शंकर प्रसाद को देते हैं. विशाल का दावा है कि उनके शिक्षक गौरी शंकर ने उनकी बहुत मदद की है.