Haryana HSSC CET Exam मे 1.68 लाख युवाओं अभ्यर्थीयों को दिखाया बाहर का रास्ता! जानिए क्यों? 
 

हरियाणा सरकार Haryana HSSC CET Exam में ऐसे अभ्यर्थियों को सामाजिक आर्थिक आधार के पांच अंक अतिरिक्त प्रदान करती है,लेकिन कुछ अभ्यर्थीयों को दिखाया बाहर का रास्ता, जानिए पूरी अपडेट..
 

हरियाणा में तृतीय श्रेणी की नौकरियों के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) पास कर चुके 3.57 लाख युवाओं में से 2.68 लाख ने सामाजिक आर्थिक आधार पर मिलने वाले पांच अतिरिक्त अंकों के लाभ की दावेदारी की है।(Haryana HSSC CET Exam) राज्य में करीब सात लाख युवाओं ने संयुक्त पात्रता परीक्षा दी थी। हरियाणा सरकार ऐसे अभ्यर्थियों को सामाजिक आर्थिक आधार के पांच अंक अतिरिक्त प्रदान करती है, जिनके घर में कोई सरकारी नौकरी नहीं है, पिता की मृत्यु हो चुकी है और आवेदक आर्थिक रूप से कमजोर है।

Haryana HSSC CET Exam Documents Verifications: 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच अतिरिक्त अंकों के लाभ की दावेदारी करने वाले युवाओं की वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया है।(Haryana HSSC CET Exam) इस आधार पर कर्मचारी चयन आयोग ने नोटिस निकालकर सभी 2.68 लाख युवाओं को निर्देश दिए कि वह जिस आधार पर पांच अतिरिक्त अंकों का लाभ हासिल करने की दावेदारी कर रहे हैं, उसे प्रमाणित अथवा वैरीफाई करें।

इस मई की रात 12 बजे तक आवेदन करने हेतु पोर्टल:

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने तृतीय श्रेणी के 32 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की तो सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच अतिरिक्त अंकों का लाभ हासिल करने के लिए 2 लाख 68 हजार 469 युवाओं की दावेदारी ने उसे हिला दिया है।(Haryana HSSC CET Exam) इन 32 हजार पदों पर भर्ती के लिए सीईटी पास 3.57 लाख युवा ही आवेदन करने के पात्र हैं। पांच मई की रात 12 बजे तक आवेदन करने हेतु पोर्टल खुला हुआ है।

नोटिस के बाद करीब एक लाख युवाओं ने...

कर्मचारी चयन आयोग के नोटिस के बाद करीब एक लाख युवाओं ने यह प्रमाणित अथवा वैरीफाई करा दिया कि उनके द्वारा पांच अतिरिक्त अंकों के लाभ के लिए की जाने वाली दावेदारी उचित है, लेकिन 1.68 लाख युवाओं ने अभी तक अपनी दावेदारी के पक्ष में किसी तरह का प्रमाण नहीं दिया है। इस स्थिति में आयोग के समक्ष सिर्फ दो ही विकल्प बचे थे।

पहला यह कि पूरी प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाए और दूसरा यह कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के चार चरण होते हैं, जिनमें संदिग्ध प्रवृत्ति के 1.68 लाख युवाओं से दस्तावेज हासिल कर उनका वैरीफिकेशन किया जाए। अगर दस्तावेज गलत होंगे तो ऐसे युवाओं को न केवल नौकरी की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा, बल्कि उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी।