Haryana Unemployment Rate: हरियाणा में बेरोजगारी दर में हुई तीन गुना बढोतरी, जानिए क्या है पूरी वजह

केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि हरियाणा में बेरोजगारी दर पिछले आठ वर्षों में तीन गुना बढ़ी है। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल पर बताया कि हरियाणा में 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9 प्रतिशत थी, जो 2021-22 में नौ प्रतिशत पर पहुंच गई है।

 

Haryana Update: केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि हरियाणा में बेरोजगारी दर पिछले आठ वर्षों में तीन गुना बढ़ी है। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल पर बताया कि हरियाणा में 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9 प्रतिशत थी, जो 2021-22 में नौ प्रतिशत पर पहुंच गई है।

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दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत है। इसलिए हरियाणा में बेरोजगारी दर दोगुनी से भी अधिक है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तीन तरफ से प्रदेश से घिरी हुई है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात भी बेरोजगारी में हरियाणा से पीछे हैं।

हरियाणा में बेरोजगारी का सर्वाधिक स्तर है
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज उत्तर भारत में बेरोजगारी दर में हरियाणा पहले स्थान पर है। प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी ने नशे और अपराध को बढ़ा दिया। नशे और अपराध दोनों बेरोजगारी से निकलते हैं।

नई फैक्ट्री नहीं खोली गई

2014 तक हरियाणा प्रति व्यक्ति आय और निवेश में सबसे आगे था, उन्होंने कहा। रोजगार के मामले में दूसरे राज्यों को दिशा देता था। हरियाणा में काम करने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। पिछले नौ वर्षों में राज्य में कोई नया निवेश या फैक्ट्री नहीं खुली है। रेल कोच फैक्ट्री और अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी बड़ी और मंजूरशुद्ध परियोजनाएँ दूसरे राज्यों में चली गईं।

दो लाख सरकारी स्थान खाली हैं

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सबसे अधिक बेरोजगारी है, लेकिन दो लाख सरकारी पद खाली हैं। नौकरी में भ्रष्टाचार होता है। पक्के काम धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। कौशल निगम के नाम पर युवा लोगों का शोषण हो रहा है। यदि नौकरी निकल भी गई, तो गठबंधन सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा के युवाओं को अधिकांश नौकरियां दूसरे राज्यों में मिल रही हैं। ऐसे में हरियाणा के युवा निराश और हताश हैं।