Haryana में Rojgar के लिए 48 हजार की दी गयी Subsidy! युवाओ को मिलेगा रोजगार 

Haryana Government Subsidy Schemes: मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह सब्सिडी ग्रुप बी, सी व डी ब्लॉक में 10 साल के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपए तय होगी। आज हम इस विषय पर चर्चा करेगे....
 

स्थानीय युवाओं में निवेश के प्रति आकर्षण बढाने और स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत कर्मचारी रोजगार सृजन सब्सिडी को बढ़ाकर 36000 रुपए से 48,000 रुपए तक तय करने का निर्णय लिया है। यह सब्सिडी बी, सी और डी ब्लॉक में हर साल हर कर्मचारी के लिए 10 साल तक लागू होगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने एसजीएसटी प्रतिपूर्ति और निवेश सब्सिडी को कुल 50 प्रतिशत पर कैपिंग करने को मंजूरी दी है।

निवेशक फर्म द्वारा अधिकतम एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति कुल एसजीएसटी का 50 प्रतिशत भुगतान किया गया हो। हरियाणा रिहायशी प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त ईएसआई, पीएफ नंबर से पे-रोल या अनुबंध पर 40,000 रुपए तक प्रति माह वेतन के रूप में कमाने वाले राज्य के कुशल/अर्ध-कुशल, अकुशल कर्मचारियों की क्षमता निर्माण करने के लिए रोजगार सृजन सब्सिडी प्रदान करने का सुझाव दिया गया था।

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद यह सब्सिडी ग्रुप बी, सी व डी ब्लॉक में 10 साल के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपए तय होगी। इसके अलावा, मेगा परियोजनाओं और अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं के लिए एसजीएसटी तथा रोजगार सृजन योजना के प्रोत्साहन की अनुमोदित दर हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड द्वारा स्वीकृत 1 अप्रैल, 2023 से पहले के समान रहेगी।

Also read this news: Bullet की नई बाइक्स होने वाली है Launch, जानिए उनकी कीमत एंड अमज़िंग फीचर

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयारः
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया है।

अधिकांश सरकारी लाभार्थी आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज करवा रहे हैं, लेकिन सूचीबद्ध आयुष अस्पताल नहीं होने से उन्हें अपने बिलों की प्रतिपूर्ति करवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
नीति के अनुसार, सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाण-पत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा।

निश्चित पैकेज दरों को आयुष की सभी धाराओं अर्थात आयुर्वेद (96 पैकेज), योग (27 पैकेज) और प्राकृतिक चिकित्सा (30 पैकेज), यूनानी (85 पैकेज), और सिद्ध (49 पैकेज) में परिभाषित किया गया है।

सोनीपत मेट्रोपॉलिटिन एरिया-2023 विधेयक के मसौदे को मंजूरीः
हरियाणा मंत्रिमंडल ने सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SMDA)-2023 विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य सोनीपत मेट्रोपॉलिटन एरिया के निरंतर, निरंतर और संतुलित विकास के लिए एक दृष्टि विकसित करना है।

प्राधिकरण द्वारा शहरी सुविधा और ढांचागत विकास को सुदृढ किया जा सकेगा। सोनीपत मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे।

जबकि नगर एवं ग्राम आयोजना मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री, परिवहन मंत्री, सांसद, राज्य विधानसभा के सदस्य, नगर निगम सोनीपत के महापौर एवं वरिष्ठ उप महापौर तथा राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी इस अथॉरिटी के पदेन सदस्य होंगे।

हरियाणा स्वैच्छिक राज्य शिक्षा सेवा नियम-2021 संशोधित होंगेः

Also read this news: RBI Bharti 2023: RBI में 10वी पास के लिए नौकरी पाने का शानदार मौका, जल्दी करे आवेदन
हरियाणा स्वैच्छिक राज्य शिक्षा सेवा (संशोधन) नियम- 2021 औऱ संशोधित होंगे। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इससे करीब 225 उन कर्मचारियों को फायदा मिलेगा जो सरकारी कर्मचारियों के बराबर पेंशन लेने से वंचित हो गए थे।

क्योंकि सरकार ने इसके लिए वर्ष 2021 में हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 में संशोधन किया था। यह संशोधन 18 अगस्त, 2021 से लागू हुए थे।

सरकार ने सहायता प्राप्त स्कूलों के कर्मचारियों को 9 अगस्त, 2017 को सरकार के अधीन लेने की अवधि के बीच कुछ कर्मचारी रिटायर हो गए थे। पेंशन के लिए इन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण सेवा नियम-2023 मंजूरः
हरियाणा कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, ग्रुप (ख) निदेशालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय सेवा नियम-2023 को भी मंजूरी दे गई है। नये नियमों में सहायक निदेशक (तकनीकी), वरिष्ठ शिक्षता पर्यवेक्षक, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य पद के लिए शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में डिग्री निर्धारित की गई है। वर्तमान में मौजूदा नियमों के अनुसार उपरोक्त पदों के लिए इंजीनियरिंग में डिप्लोमा/डिग्री निर्धारित योग्यता थी।